रूस ने फिर से दी ईरान-भारत गैस पाइपलाइन को हवा
ईरान-पाकिस्तान-भारत गैस पाइपलाइन को लेकर अमेरिका कभी खुश नहीं रहा है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। क्या रूस भारत को भरोसे में लिये बगैर ही ईरान से पाकिस्तान होते हुए भारत तक बिछाई जाने वाली पाइपलाइन पर बयानबाजी कर रहा है? आसार कुछ ऐसे ही नजर आ रहे हैं। क्योंकि भारत में न तो विदेश मंत्रालय को कोई खबर है और न ही पेट्रोलियम मंत्रालय को लेकिन रूस के ऊर्जा मंत्री एलेकजेंदर नोवाक ने कहा है कि रूस और ईरान के बीच जल्द ही एक समझौते में हस्ताक्षर होने हैं जिसके तहत ईरान से लेकर भारत तक गैस पाइपलाइन बिछाई जाएगी।
उन्होंने यहां तक संकेत दिया है कि ईरान के भीतर इस पाइपलाइन पर काम अगले कुछ महीनों के भीतर ही शुरु हो जाएगा। भारत के अधिकारियों को इस तरह की किसी भी प्रगति की आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं है लेकिन विदेश मंत्रालय के गलियारे में माना जा रहा है कि अमेरिका के बढ़ते दबाव को देखते हुए यह रूस और ईरान की एक कूटनीतिक कोशिश हो सकती है।
पेट्रोलियम मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक ईरान से पाकिस्तान होते हुए भारत तक बिछाई जाने वाली गैस पाइपलाइन पर इन तीनों देशों के बीच हाल के कई वर्षो से कोई बात नहीं हुई है। ईरान से गैस खरीदने के विकल्पों पर भारत से बातचीत हुई है लेकिन उसमें भी पाकिस्तान की जमीन के इस्तेमाल के विकल्प पर बात नहीं हुई है। इसी तरह से रूस से सीधे भारत तक पाइपलाइन लाने के विकल्प पर दोनों देशों के बीच बातचीत हुई है। लेकिन अभी यह बेहद शुरुआती स्तर पर है। इसके तहत जिन मार्गो के विकल्प पर विचार किया जा रहा है उसमें भी पाकिस्तान शामिल नहीं है। तुर्केमिनिस्तान से अफगानिस्तान व पाकिस्तान होते हुए भारत तक तापी गैस पाइपलाइन परियोजना पर जरुर बातचीत जारी है लेकिन इसमें ईरान शामिल नहीं है।
कूटनीतिक जानकारों का कहना है कि ऐसे समय जब अमेरिका और भारत के बीच बेहद करीबी रणनीतिक व व्यापारिक रिश्ते बन रहे हैं तब भारत व ईरान के बीच गैस पाइपलाइन बिछाने पर सहमति बनेगी। भारत ने तो कच्चे तेल की खरीद भी ईरान से कम कर दी है जिसकी वजह से दोनो देशों के बीच हाल ही में कुछ विवाद भी हुआ है। यह भी किसी से छिपी हुई बात नहीं है कि ईरान-पाकिस्तान-भारत गैस पाइपलाइन को लेकर अमेरिका कभी खुश नहीं रहा है। उसे लगता है कि इससे ईरान को गैस के लिए बड़ा खरीददार मिल जाएगा जिससे उसकी आर्थिक स्थिति और मजबूत होगी।
जानकारों के मुताबिक रूस की सरकार की तरफ से ईरान-भारत गैस पाइपलाइन पर लगातार बयान इस वजह से भी दिया जा रहा है कि उसकी कंपनी गैजप्रोम के कई गैस ब्लाक ईरान में है और रूस चाहता है कि अगर इस पाइपलाइन पर सहमति बन जाती है तो गैजप्रोम के गैस के स्थाई खरीदार मिल जाएंगे।
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