India Russia Ties: रूसी राजदूत ने कहा- यूक्रेन छोड़ने वाले भारतीय छात्र रूस में पढ़ाई रख सकते हैं जारी
यूक्रेन संघर्ष के कारण भारत लौटे मेडिकल छात्र अब रूस में अपनी पढ़ाई कर सकते हैं। यूक्रेन और रूस में मेडिकल पाठ्यक्रम एक जैसे ही है जिस कारण से भारतीय छात्र अपनी पढ़ाई रूस में जारी रख सकते हैं।
चेन्नई, एएनआइ। यूक्रेन संघर्ष के कारण भारत लौटे मेडिकल छात्र अब रूस में अपनी पढ़ाई कर सकते हैं। यूक्रेन और रूस में मेडिकल पाठ्यक्रम एक जैसे ही है, जिस कारण से भारतीय छात्र अपनी पढ़ाई रूस में जारी रख सकते हैं। रूसी महावाणिज्यदूत ओलेग अवदीव ने चेन्नई में कहा, 'यूक्रेन छोड़ने वाले भारतीय छात्र रूस में अपनी शिक्षा जारी रख सकते हैं, क्योंकि चिकित्सा पाठ्यक्रम लगभग समान है। वे लोगों की भाषा जानते हैं, जैसे कि यूक्रेन में अधिकांश लोग रूसी बोलते हैं। हम उनका रूस में स्वागत करते हैं।'
युद्ध के कारण भारतीय छात्रों को छोड़ना पड़ा था यूक्रेन
बता दें कि फरवरी 2022 के अंत में जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया, तो भारतीय छात्रों को यूक्रेन से भारत ले जाया गया। इस कारण से हजारों भारतीय मेडिकल छात्रों का भविष्य अधर में है। रूसी तेल निर्यात पर एक सवाल के जवाब में, रूसी राजनयिक ने कहा कि इस साल की शुरुआत से रूसी तेल का निर्यात 2 से बढ़कर 22 प्रतिशत हो गया है। ओलेग अवदीव ने कहा, 'इस साल की शुरुआत से, रूसी तेल में निर्यात 2 से 22 पीसी तक बढ़ गया है। यह एक बहुत ही नाटकीय वृद्धि है और अब रूस ने इराक और सऊदी अरब को तेल के प्रमुख उत्पादकों के रूप में विस्थापित कर दिया है।'
जयशंकर की टिप्पणी की तारीफ की
अवदीव ने रूसी तेल आयात पर जयशंकर की टिप्पणी की भी सराहना की, जिसमें कहा गया था कि भारत सरकार एक जिम्मेदार सरकार है और इसे भारतीय उपभोक्ताओं के हितों की देखभाल करनी है। विदेश मंत्री जयशंकर ने मंगलवार को भारत और रूस के बीच गहरे संबंधों को दोहराया। उन्होंने कहा कि रूस के साथ भारत के संबंधों ने इसके लाभ के लिए काम किया है और नई दिल्ली इसे जारी रखना चाहेगी।
भारतीय छात्रों को रूस में पढ़ाई करने का मौका
रूसी राजनयिक ने कहा, 'जहां तक छात्रों का सवाल है, छात्र पढ़ाई के लिए रूस जाते रहते हैं। यह एक अच्छा रुझान है। अधिक से अधिक छात्र रूस में छात्रवृत्ति के लिए आवेदन कर रहे हैं।' उन्होंने कहा कि हर साल, कई भारतीय छात्र चिकित्सा और अन्य विशिष्ट पाठ्यक्रमों का अध्ययन करने के लिए यूक्रेन और रूस जाते हैं। बता दें कि रूसी सेना ने 24 फरवरी को यूक्रेन में सैन्य अभियान शुरू किया था, जिसके तीन दिन बाद मास्को ने यूक्रेन के अलग-अलग क्षेत्रों - डोनेट्स्क और लुहान्स्क को स्वतंत्र क्षेत्र के रूप में मान्यता दी थी।