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S-400 : भारत को रूस तय समय पर करेगा एस-400 की डिलीवरी, भारत में रूस के राजदूत ने की पुष्टि

डेनिस अलीपोव ने कहा कि दोनों देश अर्थव्यवस्था विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र में सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने दोनों देशों के परमाणु संबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में हमारा सहयोग बेहद सफल रहा है। हम एकमात्र देश हैं जो परमाणु ऊर्जा और इसके शांतिपूर्ण उपयोग के क्षेत्र में व्यावहारिक रूप से भारत के साथ हैं। रक्षा सहयोग भी व्यापक है।

By AgencyEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Mon, 28 Aug 2023 11:36 PM (IST)
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डेनिस अलीपोव ने कहा कि दोनों देश अर्थव्यवस्था, विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र में सहयोग कर रहे हैं।

नई दिल्ली, एएनआइ। भारत में रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने कहा है कि एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम एस 400 की भारत को आपूर्ति तय समय पर होगी। इसका कार्य सही से चल रहा है। उन्होंने कहा कि संबंधित कंपनियों के प्रमुखों ने पुष्टि की है कि आपूर्ति समय पर और निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार होगी। यह डिलीवरी अगले साल के अंत तक पूरी होनी है। उन्होंने दोनों देशों के आर्थिक विकास को भी संतोषजनक बताया।

क्या कहा डेनिस अलीपोव ने?

डेनिस अलीपोव ने कहा कि दोनों देश अर्थव्यवस्था, विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र में सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने दोनों देशों के परमाणु संबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में हमारा सहयोग बेहद सफल रहा है। हम एकमात्र देश हैं, जो परमाणु ऊर्जा और इसके शांतिपूर्ण उपयोग के क्षेत्र में व्यावहारिक रूप से भारत के साथ हैं। रक्षा सहयोग भी व्यापक है। इस क्षेत्र में कई कंपनियों पर लगाए प्रतिबंधों के बावजूद यह जारी है।

डेनिस अलीपोव ने कहा कि हम न केवल रक्षा, बल्कि नागरिक सुविधाओं से जुड़े उत्पादन और रेलवे के क्षेत्र में भी सहयोग को लेकर सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं।

रूस संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए तैयार : डेनिस अलीपोव

डेनिस अलीपोव ने कहा कि रूस यूक्रेन के साथ संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान को तैयार है, लेकिन कीव ने बार-बार कहा है कि उसे मास्को के साथ बातचीत में कोई दिलचस्पी नहीं है। उन्होंने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच तनावपूर्ण स्थिति के बावजूद यूक्रेन के पश्चिमी समर्थक इसे हथियारों और सैन्य उपकरणों की आपूर्ति जारी रख रहे हैं।

डेनिस अलीपोव ने कहा कि यह समझौता और शांति की स्थिति नहीं बनने दे रहे। ऐसा नहीं है कि रूस ने आक्रामक रुख अपनाया है। यह विशेष रूप से रक्षात्मक रेखा है जिसे हम क्रियान्वित कर रहे हैं। यह पश्चिम पर निर्भर है, यह यूक्रेन पर निर्भर है कि वह हमारी बात सुनना शुरू करे। इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा है कि क्रीमिया के लिए सैन्य कार्रवाई का सहारा लेने के बजाय राजनयिक बातचीत के माध्यम से इसका समाधान निकाला जा सकता है।