चीन पर जमकर बरसे जयशंकर, कहा- क्वाड जरूरी ताकि कोई हमारी पसंद को वीटो ना करे
जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुधार के मुद्दे और भारत के साथ रिश्तों के संबंध में चीन की भारत विरोधी कूटनीति पर निशाना साधा था। हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन की लगातार बढ़ रही आक्रामक गतिविधियों को देखते हुए क्वाड संगठन की शुरुआत वर्ष 2017 में उक्त चारों देशों के विदेश सचिवों की बैठक से हुई थी। अब चारों देशों की सरकारों के प्रमुखों की सालाना तौर पर बैठक होती है।
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। पड़ोसी देश चीन एक बार फिर विदेश मंत्री जयशंकर के निशाने पर था। इस बार जयशंकर क्वाड के गठन के संदर्भ में चीन को संदेश दिया। भारत, अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया के समूह क्वाड के बारे में जयशंकर ने कहा कि इसकी जरूरत इसलिए पड़ी ताकि कोई दूसरा हमारी पसंद पर वीटो ना लगा सके। इसके साथ ही उन्होंने क्वाड के भविष्य पर सवाल उठाने वाले चीन को यह भी संदेश दिया कि आने वाले दिनों में यह संगठन और विस्ताार करेगा, और मजबूत होगा। यह बात भारतीय विदेश मंत्री ने रायसीना डायलॉग परिचर्चा के तहत ही गठित क्वाड थिंक टैंक फोरम को संबोधित करते हुए कही।
चीन की भारत विरोधी कूटनीति पर निशाना
इस आयोजन के पहले दो दिन जयशंकर ने लगातार संयुक्त राष्ट्र सुधार के मुद्दे और भारत के साथ रिश्तों के संबंध में चीन की भारत विरोधी कूटनीति पर निशाना साधा था। हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन की लगातार बढ़ रही आक्रामक गतिविधियों को देखते हुए क्वाड संगठन की शुरुआत वर्ष 2017 में उक्त चारों देशों के विदेश सचिवों की बैठक से हुई थी। धीरे धीरे अब चारों देशों की सरकारों के प्रमुखों की सालाना तौर पर इसकी बैठक होती है।
दिल्ली में होगी क्वाड की बैठक
इस साल भारतीय प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में यह बैठक नई दिल्ली में ही होगी जिसमें आस्ट्रेलिया और जापान के प्रधानमंत्री व अमेरिका के राष्ट्रपति यहां आएंगे। शनिवार की परिचर्चा इस शिखर सम्मेलन की तैयारियों के संदर्भ में ही थी जिसमें जापान व ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री व अमेरिका के उप-विदेश मंत्री ने हिस्सा लिया। पिछले वर्ष इसी मंच पर चारों देशों के विदेश मंत्रियों ने एक साथ एक सत्र को संबोधित किया था। जयशंकर ने कहा कि पांच वर्षों से क्वाड हिंद प्रशांत क्षेत्र को खुला व सभी के लिए समान अवसरों वाला और किसी भी दबाव से मुक्त क्षेत्र बनाने के लिए कार्यरत है।कई देशों के साथ चीन का सीमा विवाद
कहने की जरूरत नहीं कि विदेश मंत्री यहां किस देश की तरफ इशारा कर रहे थे। हिंद प्रशांत क्षेत्र में स्थिति कई देशों के साथ चीन का सीमा विवाद चल रहा है। जयशंकर ने इस आलोचना को खारिज किया कि क्वाड हिंद प्रशांत क्षेत्र में आसियान देशों (दक्षिण पूर्वी देशों के संगठन) को कमतर कर रहा है। उन्होंने कहा कि जो लोग ऐसी बात कर रहे हैं उन्हें भूगोल की जानकारी नहीं है। क्वाड जो भी काम कर रहा है उसके केंद्र में आसियान देश ही हैं।
कोई भी हमारी पसंद को वीटो नहीं कर सकता
क्वाड के चारों सदस्यों ने अभी तक इस तरह की कोशिश नहीं की थी। यह संगठन लचीला, फुर्तीला, रचनात्मक, उत्तरदायी व खुले दिमाग वाला है। इसके पांच मुख्य संदेश हैं। पहला, यह बहुधुव्रीय दुनिया बनने की तरफ इशारा करता है। दूसरा, यह धुव्रीकरण के बाद की दुनिया व शीतकाल के बाद की सोच का है। तीसरा, यह किसी भी तरह के प्रभाव के खिलाफ है। चौथा, यह वैश्विक स्तर पर सहयोग को ज्यादा लोकतांत्रिक बनाने को बताता है। पांचवां, यह अभी व भविष्य के लिए एक बयान है कि कोई भी हमारी पसंद को वीटो नहीं कर सकता।वैश्विक स्तर पर ज्यादा सहयोग की जरूरत
इसके बाद जयशंकर ने क्वाड को लेकर शंका जता रहे देशों व विशेषज्ञों को तीन संदेश दिए। पहला, क्वाड अब बना रहेगा। दूसरा, क्वाड का और विस्तार होगा। तीसरा, क्वाड अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि विश्व व्यवस्था में जिस तरह से बदलाव हो रहा है उससे साफ है कि वैश्विक स्तर पर और ज्यादा सहयोग की जरूरत है। वर्चुअल तरीके से इस परिचर्चा को संबोधित करते हुए ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग ने कहा कि क्वाड देश अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत पूरे उत्तरदायी बन कर काम करेंगे, ताकि इस समूचे क्षेत्र को किसी भी दबाव व जबरदस्ती से बचाया जा सके।