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'काश मैं वंदे भारत से यूक्रेन जा पाता', जयशंकर ने बताया चीन के साथ क्या है समस्या? कहा- यूरोप और अमेरिका भी कर रहे बहस

S Jaishankar on China भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन के साथ रिश्तों को लेकर अहम बयान देते हुए कहा कि भारत के सामने चीन को लेकर विशेष समस्या है। उन्होंने कहा कि इस पर भारत ही नहीं दुनिया के अन्य देश भी बहस कर रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने चीनी निवेश की समीक्षा की जाने की जरूरत भी बताई।

By Agency Edited By: Sachin Pandey Updated: Sat, 31 Aug 2024 09:21 PM (IST)
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एस जयशंकर ने कहा कि चीन से होने वाले निवेश की समीक्षा होनी चाहिए। (File Image)
पीटीआई, नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि भारत के सामने चीन को लेकर एक विशेष समस्या है, जो दुनिया की चीन संबंधी सामान्य समस्या से अलग है। चीन के साथ संबंधों एवं सीमा पर स्थिति को देखते हुए वहां से होने वाले निवेश की समीक्षा की जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि जिन देशों की सीमा चीन से नहीं लगती, वे भी चीन से होने वाले निवेश की जांच कर रहे हैं। एक समाचार पत्र द्वारा आयोजित व‌र्ल्ड लीडर्स फोरम में उन्होंने कहा कि चीन कई मायनों में एक अनूठी समस्या है, क्योंकि वह एक अनूठी राजनीति है, वह एक अनोखी अर्थव्यवस्था है। जब तक कोई इस विशिष्टता को समझने की कोशिश नहीं करता, तब तक इससे निकाले जाने वाले निर्णय और नीतिगत कदमों में समस्या रहेगी।

'यूरोप-अमेरिका में भी चीन को लेकर बहस'

एस जयशंकर ने कहा, 'चीन को लेकर एक सामान्य समस्या है। हम दुनिया के एकमात्र देश नहीं हैं, जो चीन के बारे में बहस कर रहे हैं। यूरोप में जाइए और उनसे पूछिए कि आज उनकी प्रमुख आर्थिक या राष्ट्रीय सुरक्षा बहस क्या है। यह बहस चीन के बारे में है। अमेरिका को देखिए। उसे भी चीन के प्रति दिक्कत है और यह कई मायनों में सही भी है। इसलिए सच्चाई यह है कि भारत एकमात्र ऐसा देश नहीं है, जिसे चीन को लेकर समस्या है।'

उन्होंने कहा, 'जब हम चीन के साथ व्यापार, निवेश, विभिन्न प्रकार के आदान-प्रदान को देखते हैं और यदि आप इस बात को ध्यान में नहीं रखते कि यह एक बहुत ही अलग देश है और इसके काम करने का तरीका भी बहुत अलग है तो मुझे लगता है कि आपकी बुनियादी बातें ही पटरी से उतरने लगती हैं। आप सभी जानते हैं कि पिछले चार साल से सीमा पर हमारी स्थिति बहुत कठिन है। मुझे लगता है कि ऐसी स्थिति में भारत जैसा देश जैसी सावधानियां बरत रहा है, वही समझदारी भरी प्रतिक्रिया है।'

'काश, वंदे भारत से यूक्रेन जा पाता'

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हाल ही में ट्रेन से यूक्रेन यात्रा को याद करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि काश, मैं वंदे भारत ट्रेन से यह यात्रा कर पाता। उन्होंने कहा कि यह 10 घंटे लंबी यात्रा थी और उस स्थिति में यह एकमात्र विकल्प था। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में ट्रेन में बैठकर पोलैंड से यूक्रेन तक की यात्रा की थी। यह युद्ध प्रभावित यूक्रेन में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा थी। व‌र्ल्ड लीडर्स फोरम में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए जयशंकर ने हंसते हुए कहा,'काश, मैं वंदे भारत के साथ ऐसा कर पाता।'