'रिश्ते सुधारने हैं तो...' विदेश मंत्री का पदभार संभालते ही जयशंकर ने चीन-पाकिस्तान को दी ये नसीहत
एस जयशंकर ने पड़ोसी देश पाकिस्तान और चीन के साथ रिश्तों पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि जहां तक पाकिस्तान और चीन का सवाल है उन देशों के साथ संबंध अलग-अलग हैं और वहां की समस्याएं भी अलग-अलग हैं। सरकार का जोर चीन के साथ सीमा विवाद का समाधान निकालने पर है। वहीं पाकिस्तान को लेकर भारत की नीति बिल्कुल स्पष्ट है।
एएनआई, नई दिल्ली। डॉ. एस. जयशंकर ने विदेश मंत्री का आज (11 जून) कार्यभार संभाल लिया है। इस दौरान जयशंकर ने कहा,"हम सभी को पूरा विश्वास है कि यह हमें 'विश्व बंधु' के रूप में स्थापित करेगा, एक ऐसा देश जो बहुत ही अशांत दुनिया में है, एक बहुत ही विभाजित दुनिया में है, संघर्षों और तनावों की दुनिया में है।" बता दें कि साल 2019 से ही देश के विदेश मंत्री हैं।
चीन-पाकिस्तान को लेकर भारत की नीति स्पष्ट: विदेश मंत्री
वहीं, उन्होंने पड़ोसी देश पाकिस्तान और चीन के साथ रिश्तों पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि जहां तक पाकिस्तान और चीन का सवाल है, उन देशों के साथ संबंध अलग-अलग हैं और वहां की समस्याएं भी अलग-अलग हैं।"जयशंकर ने आगे कहा कि सरकार का जोर चीन के साथ सीमा विवाद का समाधान निकालने पर है। वहीं, पाकिस्तान को लेकर भारत की नीति बिल्कुल स्पष्ट है। जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को भारत के खिलाफ इस्तेमाल करता है तब तक दोनों देशों के रिश्ते अच्छे नहीं हो सकते।
एस जयशंकर ने आगे कहा,"पीएम मोदी की लीडरशिप में देश 'इंडिया फर्स्ट' की नीति पर आगे बढ़ रहा है। पीएम मोदी के नेतृत्व में ये मंत्रालय जन-केंद्रित मंत्रालय बन गया है।"
विदेश मंत्री की भूमिका संभालने वाले पहले विदेश सचिव हैं जयशंकर
2019 में विदेश मंत्री बनने से पहले जयशंकर 2015 से 2018 तक भारत के विदेश सचिव के पद पर भी कार्यरत थे। गौरतलब है कि वह विदेश मंत्री की भूमिका संभालने वाले पहले विदेश सचिव भी बने।
भारत के विदेश मंत्री के रूप में 2019 में उन्होंने अपना कार्यभार शुरू किया। उनके कार्यकाल के दौरान कई बड़ी वैश्विक घटनाएं घटी, चाहे वो रूस-यूक्रेन संघर्ष, इजरायल-हमास युद्ध और कोविड महामारी जैसे घटनाएं हो।यह भी पढ़ें: Modi 3.0 cabinet: एस जयशंकर और अश्विनी वैष्णव ने संभाला अपना-अपना पद भार; रेल मंत्री बोले- PM मोदी का रेवले पर है ज्यादा फोकस