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विदेश मंत्री एस जयशंकर बोले, भारत का विकास इंडियन टेक्नोलॉजी के डेवलपमेंट की गहराई से है जुड़ा

विदेश मंत्री ने कहा कि टेक्नोलॉजी आज भू-राजनीति के केंद्र में है। टेलीकॉम की डोमेन में भारत को विश्वसनीय की अवधारणा से देखा जाता है। मुझे लगता है कि हम आने वाले दिनों में डिजिटल पक्ष पर भी भारत की विश्वसनीय के बारे में सुनेंगे। (फोटो सोर्स ANI)

By AgencyEdited By: Dhyanendra Singh ChauhanUpdated: Tue, 29 Nov 2022 10:55 AM (IST)
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ग्लोबल टेक्नोलॉजी समिट 2022 में बोलते हुए एस जयशंकर (फोटो सोर्स: ANI)
नई दिल्ली, एएनआइ। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ग्लोबल टेक्नोलॉजी समिट 2022 (Global Technology Summit 2022) आयोजित किया जा रहा है। इस सम्मेलन में मंगलवार को भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर शामिल हुए। उन्होंने कहा कि भारत का विकास इंडियन टेक्नोलॉजी के डेवलपमेंट की गहराई से जुड़ा हुआ है। साथ ही कहा कि टेक्नोलॉजी आज भू-राजनीति के केंद्र में है। टेलीकॉम की डोमेन में भारत को विश्वसनीय की अवधारणा से देखा जाता है। मुझे लगता है कि हम आने वाले दिनों में डिजिटल पक्ष पर भी भारत की विश्वसनीय के बारे में सुनेंगे।

उन्होंने कहा कि यदि हम भारत की भू-राजनीतिक स्थिति को देखते हैं, तो यह राजनीति, ऊर्जा, अर्थशास्त्र का शुद्ध मूल्यांकन होना चाहिए। लेकिन तेजी से जहां हमारे तकनीकी हित निहित हैं।

दुनिया में हर चीज को बनाया जा रहा है हथियार

ग्लोबल टेक्नोलॉजी समिट में विदेश मंत्री ने कहा कि हमारा डेटा कहां जा रहा है यह अब व्यवसाय और अर्थशास्त्र का नहीं बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा का विषय है। इस दुनिया में हर चीज को हथियार बनाया जा रहा है। मुझे अपना दृष्टिकोण बदलना होगा कि मुझे अपने हितों की रक्षा कहां करनी चाहिए।

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IPEF और क्वाड की बहुत सारी द्विपक्षीय चर्चाएं 

साथ ही उन्होंने कहा, 'हमने इंडो पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क पर जुड़ाव शुरू कर दिया है। अमेरिका इस पर आगे रहा है। इसमें बड़ी तकनीक और आपूर्ति श्रृंखला तत्व हैं। आपके पास विभिन्न साझेदारों के साथ IPEF और क्वाड की बहुत सारी द्विपक्षीय चर्चाएं हैं और बड़ी बहसें हमारे अपने देश में चल रही हैं।'

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि यूक्रेन युद्ध ने यूरोप में ऑक्सीजन को चूस लिया है। उम्मीद है कि हम कुछ और समय में अपनी बैठक करेंगे।

इस आयोजन में इन देशों के शीर्ष नेता ले रहे भाग

ग्लोबल टेक्नोलॉजी समिट में 50 से अधिक पैनल चर्चा, मुख्य भाषण, पुस्तक विमोचन और अन्य कार्यक्रमों में 100 से अधिक वक्ता भाग लेंगे। अमेरिका, सिंगापुर, जापान, नाइजीरिया, ब्राजील, भूटान, यूरोपीय संघ और अन्य देशों के मंत्री और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी भी शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। यह आयोजन 29 नवंबर से लेकर 1 दिसंबर 2022 तक चलेगा।