सबरीमाला अयप्पा मंदिर के द्वार कल से फिर खुलेंगे, रविवार से भक्तों को दर्शन की मिलेगी इजाजत
केरल में सबरीमाला भगवान अयप्पा मंदिर के द्वार कल यानी 16 अक्टूबर को शाम 5 बजे थुला मासम पूजा के लिए फिर से खुल जाएगा। त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड द्वारा गुरुवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई है। भक्तों को रविवार से पूजा करने की इजाजत मिलेगी।
By Pooja SinghEdited By: Updated: Fri, 15 Oct 2021 11:55 AM (IST)
तिरुवनंतपुरम, एएनआइ। केरल में सबरीमाला भगवान अयप्पा मंदिर के द्वार कल यानी 16 अक्टूबर को शाम 5 बजे 'थुला मासम' पूजा के लिए फिर से खुल जाएगा। त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड द्वारा गुरुवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई है। यहां पर भक्तों को रविवार से पूजा करने की इजाजत मिल जाएगी। शाम पांच बजे भक्तों को दर्शन के लिए इजाजत मिलेगी। पांच बजे के बाद भक्त दर्श कर पाएंगे। श्रद्धालुओं को वर्चुअल बुकिंग सिस्टम के आधार पर ही अनुमति दी जाएगी। उन्हें मंदिर में प्रवेश करने से पहले या तो अपना डबल डोज टीकाकरण प्रमाण पत्र या आरटी-पीसीआर नकारात्मक प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा।
मलयालम कैलेंडर के अनुसार 'तुलम' महीने में 'थुला मास' मासिक प्रार्थना है। विज्ञप्ति के अनुसार, 17 अक्टूबर को सबरीमाला के अगले मुख्य पुजारी का चयन करने के लिए देवस्वम के अध्यक्ष एन वासु और अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में ड्रा भी निकाला जाएगा। इसके अलावा मासिक पूजा-अर्चना के बाद 21 अक्टूबर को मंदिर को बंद कर दिया जाएगा। मंदिर 2 नवंबर को अट्टा चित्र पूजा के लिए फिर से खुल जाएगा और पूजा के अगले दिन बंद कर दिया जाएगा।
बता दें कि थोड़े दिन पहले खबर आई थी कि सबरीमाला मंदिर में प्रवेश और संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) विरोधी प्रदर्शनों के दौरान दर्ज पुलिस मामलों को वापस लेने के लिए सरकारी स्तर पर प्रक्रियाओं को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए जाएंगे। यह आश्वासन मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने मंगलवार को विधानसभा में दिया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन प्रदर्शन के दौरान ऐसे मामले जो गंभीर आपराधिक प्रकृति के नहीं थे उन्हें वापस लेने के लिए राज्य सरकार ने इस साल फरवरी में आवश्यक कार्रवाई का आदेश जारी किया था।
राज्य के डीजीपी ने जिलाधिकारियों और जिला पुलिस प्रमुखों को अपने-अपने क्षेत्रों में दर्ज ऐसे प्रत्येक मामलों और उनकी वर्तमान स्थिति देखने का निर्देश दिया था। विजयन ने कहा कि ऐसे मामलों से संबंधित सूचना जुटाने और उसकी स्थिति जांचने के लिए अपराध शाखा के महानिरीक्षक, विशेष प्रकोष्ठ के अधीक्षकों और राज्य अपराध रिकार्ड ब्यूरो की एक समिति का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि हर मामले की अलग से समीक्षा की जाएगी और सीआरपीसी की धारा 321 के तहत कोर्ट के आदेश के बाद उसे वापस लेने की अनुमति होगी।