सच के साथी सीनियर्स : झारखंड के रांची व धनबाद और महाराष्ट्र के ठाणे के लोगों को दिया फैक्ट चेकिंग का प्रशिक्षण
Fact checking training जागरण न्यू मीडिया की फैक्ट चेकिंग विंग विश्वास न्यूज ने 10 नवंबर को सच के साथी- सीनियर्स अभियान के तहत झारखंड के रांची व धनबाद और महाराष्ट्र के ठाणे के लोगों को फैक्ट चेकिंग का प्रशिक्षण दिया। इनमें से रांची व धनबाद के लिए सेमिनार आयोजित किया गया जबकि धनबाद के लिए वेबिनार का भी आयोजन किया गया।
जेएनएन, नई दिल्ली। जागरण न्यू मीडिया की फैक्ट चेकिंग विंग विश्वास न्यूज ने 10 नवंबर को 'सच के साथी- सीनियर्स' अभियान के तहत झारखंड के रांची व धनबाद और महाराष्ट्र के ठाणे के लोगों को फैक्ट चेकिंग का प्रशिक्षण दिया। इनमें से रांची व धनबाद के लिए सेमिनार आयोजित किया गया, जबकि धनबाद के लिए वेबिनार का भी आयोजन किया गया। इसके अलावा ठाणे के लोगों को भी ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया गया। खास तौर से सीनियर सिटिजंस के लिए आयोजित मीडिया साक्षरता कार्यक्रम में एक्सपर्ट ने वित्तीय धोखाधड़ी से बचने के तरीकों के साथ ही डीपफेक वीडियो को पहचानने के तरीके भी बताए।
रांची में सेमिनार का आयोजन
रांची के रॉयलसन होटल में आयोजित कार्यशाला में डिप्टी एडिटर एवं फैक्ट चेकर पल्लवी मिश्रा ने वहां मौजूद लोगों को डीपफेक वीडियो के प्रति सचेत करते हुए कहा कि कुछ एआई टूल्स जैसे ट्रू मीडिया या हाइव मॉडरेशन की मदद से इनकी जांच की जा सकती है। साथ ही उन्होंने फैक्ट चेकिंग की बुनियादी जानकारी दी। इस दौरान सीनियर एडिटर (स्पेशल प्रोजेक्ट) मयंक शुक्ला ने डिजिटल अरेस्ट से बचने की सलाह देते हुए कहा कि लोगों को सतर्क रहना होगा। कोई सरकारी एजेंसी इस तरह से ऑनलाइन जांच नहीं करती है।
धनबाद में भी दिया प्रशिक्षण
धनबाद क्लब में आयोजित कार्यक्रम में एसोसिएट एडिटर एवं फैक्ट चेकर आशीष महर्षि ने कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए डिजिटल फ्रॉड के बारे में लोगों को सचेत करते हुए कहा कि फ्री का लालच देकर साइबर अपराधी फिशिंग लिंक भेजते हैं। इन पर क्लिक करने से यूजर का डेटा चोरी हो जाता है और ठग इसका दुरुपयोग कर लेते हैं। इस तरह के लिंक पर क्लिक नहीं करना चाहिए। कार्यक्रम में चीफ सब एडिटर एवं फैक्ट चेकर प्रज्ञा शुक्ला ने एआई के फायदे और नुकसान बताते हुए डीपफेक वीडियो को पहचानने के तरीके बताए। उन्होंने फैक्ट चेकिंग टूल्स गूगल ओपन सर्च, गूगल लेंस और इनविड की भी जानकारी दी। गूगल लेंस की मदद से किसी भी संदिग्ध तस्वीर की जांच आसानी से की जा सकता है।
धनबाद के लिए वेबिनार का भी आयोजन
धनबाद के लोगों के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। इस दौरान सीनियर एडिटर उर्वशी कपूर ने कहा कि किसी भी प्रकार के साइबर फ्रॉड का पता चलने पर तुरंत 1930 पर कॉल करें या साइबर क्राइम डॉट जीओवी डॉट इन पर शिकायत करें। इसके अलावा नजदीकी साइबर सेल में भी शिकायत की जा सकती है। वेबिनार में डिप्टी एडिटर देविका मेहता ने झारखंड में होने वाले चुनाव को देखते हुए लोगों को फर्जी व भ्रामक पोस्ट से सतर्क रहने की सलाह देते हुए उन्हें 'स्योर' प्रणाली अपनाने को कहा। इसके तहत पहले किसी भी मैसेज को ध्यान से देखें, उसको चेक करें और फिर उसकी सत्यता सामने आने के बाद ही उस पर अपनी प्रतिक्रिया दें। कार्यक्रम के अंत में 'मैं हूं धनबाद' एनजीओ की संस्थापक पूजा रत्नाकर ने वेबिनार की सराहना की।