चंद्रमा और सूर्य के बाद अब समुद्र की गहराई नापने की तैयारी, अगले साल मिशन 'समुद्रयान' का होगा पहला परीक्षण
चंद्रयान और सूर्ययान के बाद अब भारत समुद्रयान की तैयारी कर रहा है। कहा जा रहा है कि अगले साल गहरे समुद्र में मानव को भेजने के मिशन समुद्रयान (Samudrayaan Mission) का पहला परीक्षण हो सकता है। स्वदेशी पनडुब्बी मत्स्य 6000 में बैठकर समुद्र में छह किलोमीटर गहराई में समुद्रयात्री यात्री जाएंगी। यह मिशन समुद्र की गहराई में छिपे रहस्यों को जानने में मदद करेगा।
By AgencyEdited By: Achyut KumarUpdated: Tue, 12 Sep 2023 12:41 AM (IST)
नई दिल्ली, एएनआइ। Samudrayaan Mission: भारत के चंद्रयान-3 मिशन (Chandrayaan-3 Mission) ने चंद्रमा (Moon) के कई रहस्यों से पर्दा उठाने के साथ ही वहां आक्सीजन भी खोजी। इस मिशन की सफलता के कुछ ही दिनों बाद सूर्य की कुंडली खंगालने आदित्य एल1 (Aditya L1) को भेजा गया है। भारत का पहला सूर्य मिशन आदित्य एल1 15 लाख किलोमीटर के सफर पर आगे बढ़ रहा है। चंद्रमा और सूर्य के बाद अब समुद्र की गहराई में छिपे रहस्यों को जानने की बारी है। इसके लिए भारत समुद्रयान मिशन की तैयारी कर रहा है।
छह किलोमीटर की गहराई में जाएगा मत्स्य 6000
मिशन के तहत स्वदेशी पनडुब्बी मत्स्य 6000 तीन समुद्रयात्रियों को समुद्र में छह किलोमीटर की गहराई में लेकर जाएगी। बताया जा रहा है कि समुद्रयान का पहला परीक्षण अगले वर्ष की शुरुआत में किया जा सकता है। केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरण रिजिजू ने सोमवार को मानवयुक्त पनडुब्बी मत्स्य 6000 का निरीक्षण किया, जो मिशन समुद्रयान के तहत रहस्य खंगालने के लिए सागर की गहराई में डुबकी लगाएगी।
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किरेन रिजिजू ने शेयर किया वीडियो
रिजिजू ने इंटरनेट मीडिया 'एक्स' पर पोस्ट कर कहा- अब समुद्रयान की बारी। पनडुब्बी मत्स्य 6000 चेन्नई में राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान में बनाया गया है। गहरे समुद्र में भारत के पहले मानव मिशन समुद्रयान के तहत समुद्र में छह किलोमीटर की गहराई में तीन समुद्रयात्रियों को भेजने की तैयारी है। ये समुद्रयात्री समुद्र के संसाधनों और जैव विविधता का अध्ययन करेंगे।
Next is "Samudrayaan"
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) September 11, 2023
This is 'MATSYA 6000' submersible under construction at National Institute of Ocean Technology at Chennai. India’s first manned Deep Ocean Mission ‘Samudrayaan’ plans to send 3 humans in 6-km ocean depth in a submersible, to study the deep sea resources and… pic.twitter.com/aHuR56esi7
चंद्रयान-3 को कब लॉन्च किया गया?
चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को दोपहर दो बजकर 35 मिनट पर लॉन्च किया गया। इसने 23 अगस्त को शाम छह बजकर चार मिनट पर चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग की। इसके साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया, जिसने चांद पर सॉफ्ट लैडिंग की हो। वहीं, दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला भारत दुनिया का पहला देश है।यह भी पढ़ें: Aditya L1 Mission: सूर्य के और नजदीक पहुंचा भारत का पहला सोलर मिशन, तीसरी बार आदित्य एल1 ने बदली कक्षा