संजय झा बनाए गए जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष, NDA के लिए भी संदेश; बिहार विधानसभा चुनाव पर भी...
नई भूमिका में आने के बाद संजय झा ने कहा कि नीतीश कुमार ने दिखा दिया कि उनका कोई विकल्प नहीं। लोकसभा चुनाव में राजग ने बिहार की 40 में 30 सीटें जीतीं हैं। इस दौरान विधानसभा के 243 क्षेत्रों में 177 पर राजग को बढ़त मिली है। इससे नीतीश कुमार की अहमियत का संकेत मिलता है। दो दशकों में उन्होंने बिहार में बड़ा बदलाव लाया है।
अरविंद शर्मा, नई दिल्ली। जदयू ने वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सदस्य संजय झा को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया है। पार्टी की कमान पूर्ववत नीतीश कुमार के हाथ में ही रहेगी। दिल्ली में जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शनिवार को संजय को बड़ी जिम्मेवारी देने का प्रस्ताव स्वयं नीतीश कुमार ने रखा, जिसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया।
लोकसभा चुनाव के बाद जदयू में संजय को मिले नए दायित्व को भाजपा एवं जदयू के प्रगाढ़ होते संबंधों के नजरिए से देखा जा रहा है। यूं तो नीतीश कुमार ने पिछले कुछ महीनों में कई बार यह खुलकर कहा है कि राजग एकजुट और स्थिर है। संजय झा का ओहदा बढ़ाकर जदयू ने स्पष्ट कर दिया है कि भाजपा के साथ उसके संबंधों को और मजबूती मिलेगी। साथ ही बिहार विधानसभा चुनाव भी वह भाजपा के साथ ही लड़ेगा।
संजय झा का भाजपा के कई नेताओं से मधुर संबंध
संजय झा का भाजपा के कई नेताओं के साथ मधुर संबंध है। इसके पहले अरुण जेटली के साथ भी उनके करीबी संबंध रहे हैं। जेटली से नीतीश की दोस्ती के पीछे भी संजय झा की बड़ी भूमिका मानी जाती है। बिहार के पड़ोसी राज्य झारखंड में इसी वर्ष चुनाव है। भाजपा के साथ संजय झा के अच्छे संबंधों का फायदा जदयू को वहां भी मिल सकता है।जदयू के स्थापना काल से पहली बार बना कार्यकारी अध्यक्ष
जदयू ने अपने स्थापना काल से अभी तक पहली बार किसी को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया है। जदयू में पहले से भी संजय बड़ी भूमिका में रहे हैं। उन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बेहद करीबी और विश्वासी नेता माना जाता है। यही कारण है कि बिहार में वह तीन बार मंत्री रह चुके हैं। जदयू ने अभी हाल में ही उन्हें राज्यसभा सदस्य बनाया है। बिहार में नीतीश सरकार के कई बड़े फैसलों में संजय झा की राय को अकाट्य माना जाता रहा है।
लोकसभा चुनाव में राजग को बिहार की 40 में 30 सीटें
नई भूमिका में आने के बाद संजय झा ने कहा कि नीतीश कुमार ने दिखा दिया कि उनका कोई विकल्प नहीं। लोकसभा चुनाव में राजग ने बिहार की 40 में 30 सीटें जीतीं हैं। इस दौरान विधानसभा के 243 क्षेत्रों में 177 पर राजग को बढ़त मिली है। इससे नीतीश कुमार की अहमियत का संकेत मिलता है। दो दशकों में उन्होंने बिहार में बड़ा बदलाव लाया है। बैठक में केंद्रीय मंत्री ललन सिंह, बिहार सरकार के मंत्री विजय कुमार चौधरी, जदयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी समेत अन्य कई नेता मौजूद थे।कौन हैं संजय झा
मधुबनी जिले के अररिया संग्राम गांव में जन्मे संजय झा ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की पढ़ाई की है। उनकी राजनीतिक यात्रा 2004-5 में भाजपा से शुरू हुई, किंतु बाद में नीतीश कुमार से निकटता के कारण जदयू में शामिल हो गए। वर्ष 2006 में पहली बार बिहार विधान परिषद के सदस्य बनाए गए।