Sanofi का दावा- कोरोना वैक्सीन के नए विकसित 'बूस्टर' में घातक वायरस के तमाम वैरिएंट से लड़ने की है क्षमता
जीएसके के साथ मिलकर जिस वैक्सीन को सनोफी विकसित कर रहा है उसका दो ट्रायल किया जा चुका है। इन्हीं नतीजों के आधार पर यह दावा किया जा रहा है कि इस नए बूस्टर में घातक वायरस के तमाम वैरिएंट से जूझने की क्षमता है।
By Monika MinalEdited By: Updated: Mon, 13 Jun 2022 03:56 PM (IST)
पेरिस, रायटर्स। फ्रांस के ड्रग निर्माता सनोफी और जीएसके ने एक साथ मिलकर कोरोना वैक्सीन का अपग्रेडेड वर्जन विकसित किया है। इसके लिए दावा कर रहे हैं कि दो ट्रायल में मिले नतीजों से यह साबित होता है कि कोरोना वायरस के मेन वैरिएंट को तो यह मात दे ही सकता है साथ ही ओमिक्रोन के BA.1 और BA.2 स्ट्रेन को भी हरा देगा। इसमें कहा गया है कि इसका इस्तेमाल बूस्टर शाट के तौर पर किया जाए तो यह घातक वायरस को हराने में सफल है।
घातक वायरस के सभी वैरिएंट के खिलाफ सुरक्षा कवच दोनों कंपनियों की पहली प्रायोगिक कोविड शाट की समीक्षा की जा रही है। यह समीक्षा यूरोपीय मेडिसीन्स एजेंसी द्वारा किया जा रहा है। वहीं सनोफी और GSK एक वैक्सीन पर साथ में काम कर रहा है। उम्मीद की जा रही है कि यह आगे के वायरल म्यूटेशन के खिलाफ वृहत पैमाने पर सुरक्षा प्रदान करेगी। सनोफी ने बताया कि वैक्सीन की यह नया कैंडिडेट एंटीबडी के लेबल को मजबूत बनाता है। यह बात ट्रायल के दौरान साबित हुई।
फ्रांस के अस्पतालों के नेटवर्क द्वारा किए गए एक अलग ट्रायल में सनोफी के बीटा एडेप्टर बूस्टर शाट से सनोफी के फर्स्ट जेनरेशन शाअ या फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन की तुलना में इसका इम्यून रेस्पांस कहीं अधिक है।सनोफी के वैक्सीन बिजनेस प्रमुख थामस ट्रायओम्फ (Thomas Triomphe) ने कहाा, 'बीटा वैरिएंट सभी मल्टीपल वैरिएंट्स का म्यूटेशन दिखाता है। इसमें ओमिक्रोन भी शामिल है। इससे यह वैक्सीन का मजबूत कैंडिडेट बनता है। वालनेवा का प्रोडक्ट चीन के शहर वुहान में मिले कोरोना वायरस पर वालनेवा का प्रोडक्ट आधारित है। इसी तरह बायोएनटेक- फाइजर और माडर्ना का डामिनेंट फर्स्ट जेनरेशन शाट विकसित किया गया था।