डोसा किंग से बना हत्यारा, सर्वना भवन के मालिक राजगोपाल ने एक लड़की के चक्कर में क्यों की हत्या; हैरान कर देगी ये कहानी
ज्योतिष में अंधा विश्ववास करने वाले सर्वना भवन के मालिक पी राजगोपाल अब इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन आज भी वह डोसा किंग के नाम से मशहूर हैं। साउथ इंडियन डोसा और इडली से सभी का दिल जीतने वाले राजगोपाल को क्या पता था कि उनका ज्योतिष पर विश्वास एक दिन उन्हें हत्यारा भी बना देगा। अदालत ने उन्हें कत्ल के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Dosa King Rajgopal: सर्वना भवन में डोसा और इडली खाने जाते समय शायद ही आप ये सोचते होंगे की इस रेस्तरां का मालिक किसी की हत्या भी कर सकता है। सर्वना भवन जिसे भारत से लेकर अमेरिका तक पहचान मिली, इसके खुद के मालिक ने केवल शादी के लिए एक शख्स की निर्मम हत्या कर दी थी।
ज्योतिष में अंधा विश्ववास करने वाले सर्वना भवन के मालिक पी राजगोपाल भले ही अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन आज भी वह डोसा किंग के नाम से मशहूर हैं। साउथ इंडियन डोसा और इडली से सभी का दिल जीतने वाले राजगोपाल को क्या पता था कि उनका ज्योतिष पर विश्वास एक दिन उन्हें हत्यारा भी बना देगा। अदालत ने उन्हें कत्ल के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
राजगोपाल कैसे बने डोसा किंग?
तमिलनाडु के छोटे से गांव तूतीकोरिन से ताल्लुक रखते थे राजगोपाल। उनके पिता प्याज की किसानी करते थे। छोटी सी उम्र में अपने सपने को पूरा करने के लिए राजगोपाल चेन्नई आ गए और किराने की दुकान चलाई। हालांकि, जल्द ही उन्होंने रेस्तंरा भी खोल लिया। उनके ज्योतिषी ने उन्हें सलाह दी थी कि वह अग्नि से जुड़ा व्यवसाय करें, इसमें उन्हें सफलता मिलेगी।
1981 में उन्होंने अपना बिजनेस शुरू किया। उन्होंने महज 1 रुपये में लोगों को पौष्टिक भोजन दिया। हालांकि, शुरुआती कुछ महीनों में राजगोपाल को काफी नुकसान झेलना पड़ा, लेकिन जल्द ही उनका रेस्तरां मशहूर हो गया, जो आज सर्वना भवन के नाम से जाना जाता है। धीरे-धीरे उनका बिजनेस आसमान की ऊंचाई छुने लगा और उन्होंने कई अन्य आउटलेट भी खोले जो पूरे देश में फैलने लगा। 2000 में, उन्होंने दुबई में अपना सबसे पहला अंतर्राष्ट्रीय आउटलेट खोला। इसके बाद यह धीरे-धीरे अन्य देशों में भी फैलने लगा।
2 बीवी वाले राजगोपाल को जब मिली तीसरी शादी करने की सलाह
राजगोपाल भगवान मुरुगा (शनमुगा) के प्रबल भक्त थे। उन्होंने मंदिरों, विशेषकर मुरुगा मंदिरों के लिए उदारतापूर्वक योगदान भी दिया था। राजगोपाल ने अपनी बायोग्राफी वेट्री मीधु आसाई वीथेन में बताया था कि उन्होंने अपने ज्योतिषी की सलाह पर रेस्तरां शुरू किया था। उनके ज्योतिषी ने देश के सबसे अमीर लोगों में से एक बनने के लिए जीवाजोति से शादी करने की सलाह दी थी। बता दें कि राजगोपाल की पहले ही दो पत्नियां थी।
2001 में बदल गई राजगोपाल की किस्मत
जीवाजोति, सरवना भवन की चेन्नई शाखा में एक सहायक प्रबंधक की बेटी थी। राजगोपाल अब इससे शादी करना चाहता था,लेकिन वह किसी और से प्यार करती थी और राजकुमार संतकुमार से ही उसने शादी की। इस दौरान राजगोपाल ने उसे कई धमकियां भी दी थी।
अक्टूबर 2001 में, अचानक से दंपति का अपहरण कर लिया गया और संतकुमार की हत्या कर दी गई। उसका शव वन विभाग के अधिकारियों को 31 अक्टूबर को कोडाइकनाल में टाइगर चोल जंगलों के अंदर से मिला था। जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आई तो पता चला कि संतकुमार की मौत गला घोंटने के कारण हुई थी।
राजगोपाल को हुई सजा
2004 में, चेन्नई की एक सत्र अदालत ने राजगोपाल और आठ अन्य को गैर इरादतन हत्या के लिए 10 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई। राजगोपाल ने मद्रास उच्च न्यायालय में अपील की। उच्च न्यायालय ने 2009 में उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके बाद राजगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की और 2019 मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा।
हालांकि, राजगोपाल ने अपने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए आत्मसमर्पण के लिए और समय की मांग की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी। राजगोपाल चेन्नई के स्टेनली अस्पताल के जेल वार्ड में भर्ती थे। उन्हें आधिकारिक तौर पर पुझल जेल अधिकारियों को सौंप दिया गया था, जहां उनकी दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई।
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