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सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की भारत यात्रा से पाकिस्तान इतना दुखी क्यों है?

भारत की राजधानी नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन खत्म होने के बाद भी सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान अल सऊद 11 सितंबर से भारत के अपने राजकीय दौरे रुके हुए हैं। जबकि ज्यादातर राष्ट्राध्यक्ष स्वदेश लौट चुके हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ उनकी मीटिंग हुई। क्राउन प्रिंस की भारत यात्रा पाकिस्तान को रास नहीं आ रही है।

By Jagran NewsEdited By: Abhinav AtreyUpdated: Mon, 11 Sep 2023 12:55 PM (IST)
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पाकिस्तान को सऊदी से 25 अरब डॉलर के निवेश की उम्मीद (फोटो, एएनआई)
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। भारत की राजधानी नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन खत्म होने के बाद भी सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान अल सऊद 11 सितंबर से भारत के अपने राजकीय दौरे रुके हुए हैं। जबकि, ज्यादातर राष्ट्राध्यक्ष स्वदेश लौट चुके हैं। इस दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ उनकी मीटिंग हुई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ क्राउन प्रिंस हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय बैठक की। बैठक में पीएम मोदी ने कहा, "भारत के लिए सउदी अरब हमारे सबसे महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदारों में से एक है। विश्व की दो बड़ी और तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं के रूप में हमारा आपसी सहयोग पूरे क्षेत्र की शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है। अपनी बातचीत में, हमने अपनी साझेदारी को अगले स्तर पर ले जाने के लिए कई पहलों की पहचान की है।"

दरअसल, सऊदी क्राउन प्रिंस की राजकीय यात्रा भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (IECC EC) की घोषणा के तुरंत बाद हो रही है। 9 सितंबर को ही भारत, अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, फ्रांस, जर्मनी, इटली और यूरोपीय संघ ने भारत-मध्य पूर्व यूरोप आर्थिक गलियारा स्थापित करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर भी किया है।

आर्थिक गलियारे को लेकर पाक में चर्चा

जी20 में इस आर्थिक गलियारे पर मुहर लगने को चीन-पाकिस्तान बेल्ट और रोड पहल के जवाब के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि यह पहल भारत, मध्य पूर्व और यूरोप की अर्थव्यवस्थाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन पाकिस्तान में इसे लेकर चर्चाएं शुरु हो गई हैं। बता दें कि यह गलियारा पुराना मसाला मार्ग की बहाली है।

पाकिस्तानी के एक्स पर छिड़ी बहस

भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (IECC EC) की घोषणा के बाद से पाकिस्तानी के एक्स (पूर्व में ट्विटर) बहस छिड़ गई है। पाकिस्तान के लोग इस मसने पर अपनी सरकार जवाब देने की मांग कर रहे हैं। अभी का समय पाकिस्तान के लिए काफी कठिन है, क्योंकि देश अबतक के इतिहास में सबसे खराब आर्थिक संकट से गुजर रहा है। ऐसे में सऊदी अरब के साथ पाकिस्तान का संबंध होना महत्वपूर्ण है।

तुच्छ राजनीति हमें कहीं नहीं ले जाएगी- पाकिस्तानी नागरिक

एक्स पर एक पाकिस्तान यूजर ने कहा, अब समय आ गया है कि हम अपने देश को व्यवस्थित करें और अपनी प्राथमिकताएं ठीक करें। खुद के लिए सोच और तुच्छ राजनीति हमें कहीं नहीं ले जाएगी। शायद हमारी सीमाओं का पुनर्मूल्यांकन और उन पर सवाल उठाने से वह बदलाव आ सकता है जिसकी हमारे देश को जरूरत है।"

यह बदलाव का समय है

एक्स पर एक दूसरे पाकिस्तानी यूजर ने कहा, "एक पाकिस्तानी के तौर पर मैं आज शर्मसार हूं। हमारा देश बेहतर नेतृत्व, जवाबदेही और एक उज्जवल भविष्य का हकदार है। यह बदलाव और उन मूल्यों के प्रति नए सिरे से प्रतिबद्धता का समय है जो वास्तव में हमारा प्रतिनिधित्व करते हैं।"

पाकिस्तान को सऊदी से 25 अरब डॉलर के निवेश की उम्मीद

रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान सऊदी अरब से देश में 25 अरब डॉलर तक के निवेश की उम्मीद कर रहा है। पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधान मंत्री अनवर-उल-हक काकर ने कहा है कि सऊदू की तरफ से निवेश खनन, कृषि और सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में किया जाएगा और यह पाकिस्तान में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश बढ़ाने के प्रयास का एक हिस्सा है।

इस्लामाबाद की यात्रा कर सकते हैं क्राउन प्रिंस

भयानक आर्थिक संकट से गुजर रहा पाकिस्तान यह भी चाहता है कि सऊदी क्राउन प्रिंस भारत से वापस आते समय पाकिस्तान का का दौरा करें। हालांकि दोनों देशों के विदेश मंत्रालय ने अभी तक किसी भी दौरे की औपचारिक घोषणा नहीं की है। मगर, पाकिस्तानी मीडिया में दावा किया गया है कि सऊदी क्राउन प्रिंस की इस्लामाबाद की यात्रा कर सकते हैं।

क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अल सऊद ने आखिरी बार साल 2019 में पाकिस्तान की यात्रा की थी, जब देश के इमरान खान प्रधानमंत्री थे। पाकिस्तान क्राउन प्रिंस की देश में यात्रा के लिए इसलिए भी उत्सुक है, क्योंकि पाकिस्तान में अधिकारियों का मानना ​​है कि सऊदी क्राउन प्रिंस के पाकिस्तान दौरे पर न जाने से सार्वजनिक तौर पर आलोचना होगी।