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क्या जम्मू-कश्मीर को फिर से मिलेगा स्पेशल स्टेटस? सुप्रीम कोर्ट में 16 दिन चली सुनवाई, आज आएगा फैसला

SC Article 370 Verdict जम्मू और कश्मीर में लागू अनुच्छेद 370 को हटाने के केंद्र के फैसले की संवैधानिक वैधता पर आज सुप्रीम कोर्ट फैसला सुनायगा। 370 हटाने का विरोध कर रहे कुछ याचिकाकर्ताओं की दलील है कि 1957 के बाद बिना विधानसभा की मंजूरी के अनुच्छेद 370 को हटाया नहीं जा सकता। वहीं केंद्र सरकार ने दलील दी है कि इस मामले में कोई संवैधानिक धांधली नहीं हुई है।

By AgencyEdited By: Mahen KhannaUpdated: Mon, 11 Dec 2023 07:19 AM (IST)
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SC Article 370 Verdict सुप्रीम कोर्ट आज सुनाएगा फैसला।

एजेंसी, नई दिल्ली। SC Article 370 Verdict सुप्रीम कोर्ट जम्मू-कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सोमवार को अपना फैसला सुनाएगा। जम्मू और कश्मीर की स्वायत्तता छीनने वाले केंद्र सरकार के पांच अगस्त, 2019 को संसद में पारित कराए इस फैसले की संवैधानिक वैधता क्या है, इसको स्पष्ट किया जाएगा।

संविधान पीठ आज सुनाएगी फैसला

सुप्रीम कोर्ट (SC on Article 370) की वेबसाइट में 11 दिसंबर (सोमवार) के लिए अपलोड की गई मामलों की सूची में जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 (Article 370 Verdict) हटाए जाने का जिक्र है। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व में पांच जजों की संविधान पीठ इस मामले पर अपना अहम फैसला सुनाएगी।

दो अगस्त को बहस हुई थी पूरी

खंडपीठ के अन्य जजों में जस्टिस संजय किशन कौल, संजीव खन्ना, बीआर गवई और सूर्यकांत शामिल हैं। सर्वोच्च अदालत में 16 दिन की सुनवाई के बाद दो अगस्त को बहस पूरी हुई थी और विगत पांच सितंबर को कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था।

इन लोगों ने दायर की याचिका

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की ओर से अटार्नी जनरल आर.वेंकटरमानी, सालिसिटर जनरल तुषार मेहता, वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे, राकेश द्विवेदी, वी.गिरी और अन्य ने दलीलें दीं। जबकि, याचिकाकर्ताओं की ओर से कपिल सिब्बल, गोपाल सुब्रह्मण्यम, राजीव धवन, जफर शाह व दुष्यंत दवे ने बहस की है। याचिकाकर्ताओं में नेशनल कांफ्रेंस व पीडीपी के सुप्रीमो भी शामिल हैं।

संविधान पीठ ने पूछे थे ये सवाल

सर्वोच्च अदालत ने सुनवाई के दौरान पूछा था कि क्या बिना निर्वाचित विधानसभा के जम्मू और कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद 370 और 35ए को हटाना संवैधानिक है? साथ ही यह भी पूछा कि संविधान में जिस प्रविधान (अनुच्छेद 370) को अस्थायी बताया गया था, उसे 1957 में जम्मू और कश्मीर विधानसभा के कार्यकाल के अंत स्थायी कैसे कर दिया गया?

वहीं 370 हटाने का विरोध कर रहे कुछ याचिकाकर्ताओं की दलील है कि 1957 के बाद बिना विधानसभा की मंजूरी के अनुच्छेद 370 को हटाया नहीं जा सकता। वहीं, केंद्र सरकार ने दलील दी है कि इस मामले में कोई संवैधानिक धांधली नहीं हुई है।