SC ने बंगाल में नवनियुक्त कुलपतियों के भत्ते पर लगाई रोक, कहा- राज्यपाल और CM ममता के बीच सुलह की आवश्यकता
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बंगाल में राज्य संचालित विश्वविद्यालयों के नव नियुक्त अंतरिम कुलपतियों के भत्ते पर रोक लगा दी है। SC के न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा कि अगस्त में नियुक्त अंतरिम कुलपतियों के भत्ते पर रोक उनकी नियुक्ति की राज्यपाल की कार्रवाई के खिलाफ राज्य सरकार की याचिका लंबित होने तक जारी रहेगी।
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बंगाल में राज्य संचालित विश्वविद्यालयों के नव नियुक्त अंतरिम कुलपतियों के भत्ते पर रोक लगा दी है। साथ ही राज्यपाल सीवी आनंद बोस से गतिरोध को हल करने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक कप कॉफी के लिए आमंत्रित करने कहा है। शीर्ष अदालत ने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों और लाखों छात्रों के भविष्य को देखते हुए राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच सुलह की आवश्यकता है।
राज्यपाल और सीएम ममता को मिलकर करनी चाहिए बात
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा कि अगस्त में नियुक्त अंतरिम कुलपतियों के भत्ते पर रोक उनकी नियुक्ति की राज्यपाल की कार्रवाई के खिलाफ राज्य सरकार की याचिका लंबित होने तक जारी रहेगी। पीठ ने राज्यपाल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता दामा शेषाद्रि नायडू से कहा कि कृपया इसे कुलाधिपति को बताएं। हमारा अनुरोध है कि एक तारीख और समय तय किया जाए जो मुख्यमंत्री के लिए सुविधाजनक हो और उन्हें एक कप कॉफी के लिए आमंत्रित किया जाए, ताकि समाधान निकाला जा सके।
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पीठ ने नायडू से कहा कि यदि तब तक मुद्दा हल नहीं हुआ, तो वह 31 अक्टूबर को आदेश पारित करेगी।शीर्ष अदालत कलकत्ता हाई कोर्ट के 28 जून के आदेश के खिलाफ बंगाल सरकार की अपील पर सुनवाई कर रही है, जिसमें कहा गया था कि राज्य संचालित 11 विश्वविद्यालयों में अंतरिम कुलपतियों की नियुक्ति के राज्यपाल द्वारा जारी आदेशों में कोई अवैधता नहीं थी। विश्वविद्यालयों को कैसे चलाया जाए, इसे लेकर ममता बनर्जी सरकार और राज्यपाल के बीच खींचतान चल रही है।
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