SC कालेजियम का प्रस्ताव- बांबे हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता को बनाया जाए शीर्ष कोर्ट का जज
सुप्रीम कोर्ट के कालेजियम की बैठक में बांबे हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता के प्रमोशन का मामला उठा। कालेजियम की ओर से प्रस्ताव दिया गया कि उन्हें शीर्ष कोर्ट में जज के तौर पर पदोन्नत किया जाए।
By AgencyEdited By: Monika MinalUpdated: Tue, 27 Sep 2022 02:06 PM (IST)
नई दिल्ली, एजेंसी। बांबे हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस जस्टिस दीपांकर दत्ता (Dipankar Dutta) की पदोन्नति (Elevation) को लेकर सुप्रीम कोर्ट कालेजियम (Supreme Court Collegium) की ओर से प्रस्ताव दिया गया है। इसमें जस्टिस दीपांकर को शीर्ष अदालत का जज बनाने का सुझाव दिया गया है। शीर्ष कोर्ट की वेबसाइड पर अपलोड किए गए बयान के अनुसार, CJI (भारत के चीफ जस्टिस) यूयू ललित की अगुवाई में सोमवार को कोलेजियम की बैठक हुई। इस दौरान ही बांबे हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के पदोन्नति का प्रस्ताव पेश किया गया।
2006 में बनाए गए थे कलकत्ता हाई कोर्ट के स्थायी जज
22 जून 2006 को जस्टिस दत्ता को स्थायी जज के तौर पर कलकत्ता हाई कोर्ट भेजा गया था। इसके बाद की गई पदोन्नति के तहत उन्हें 28 अप्रैल 2020 को उन्हें बांबे हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस का पद मिला। साल 1965 के फरवरी माह में जन्मे जस्टिस दीपांकर कलकत्ता हाई कोर्ट के पूर्व जज दिवंगत सलिल कुमार दत्ता के पुत्र हैं। साथ ही वे शीर्ष अदालत के पूर्व जज जस्टिस अमिताभ राय के बहनोई है।
सुप्रीम कोर्ट में 34 जजों की क्षमता
कलकत्ता हाई कोर्ट की वेबसाइट पर मौजूद विवरण के अनुसार जस्टिस दीपांकर दत्ता को साल 1989 में कलकत्ता यूनिवर्सिटी से LL.B. की डिग्री मिली थी और नवंबर 1989 को उन्हें एडवोकेट के तौर पर एनरोल किया गया था। शीर्ष कोर्ट में फिलहाल 29 जज हैं । बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के पास चीफ जस्टिस समेत कुल 34 जजों की क्षमता है।
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