डीके शिवकुमार को SC से मिली राहत, कर्नाटक HC के CBI जांच पर रोक लगाने के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार
SC ने सोमवार को भ्रष्टाचार के एक मामले में राज्य के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के खिलाफ सीबीआई जांच पर अंतरिम रोक लगाने के कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति बी आर गवई न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने मामले में उच्च न्यायालय के 10 फरवरी के आदेश के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा दायर अपील को खारिज कर दिया।
By AgencyEdited By: Shalini KumariUpdated: Mon, 31 Jul 2023 01:30 PM (IST)
नई दिल्ली, पीटीआई। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को भ्रष्टाचार मामले में राहत दी है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने भ्रष्टाचार के एक मामले में उनके खिलाफ सीबीआई की जांच पर अंतरिम रोक लगाने के हाईकोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।
न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने मामले में उच्च न्यायालय के 10 फरवरी के आदेश के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा दायर अपील को खारिज कर दिया।
एजेंसी के पक्ष में आदेश होने के बावजूद कार्यवाही पर अंतरिम रोक
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने एजेंसी के पक्ष में आदेश होने के बावजूद कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगा दी।शिवकुमार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने कहा कि सीबीआई ने उच्च न्यायालय के एक अंतरिम आदेश के खिलाफ अपील दायर की है, लेकिन उच्च न्यायालय की खंडपीठ द्वारा पारित बाद के अंतरिम आदेशों को चुनौती देने से इनकार कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि वह हस्तक्षेप नहीं करने जा रही है और उसने सीबीआई को उसके समक्ष मामले के शीघ्र निपटारे के लिए उच्च न्यायालय से अनुरोध करने की स्वतंत्रता दी।
कर्नाटक हाई कोर्ट ने कार्यवाही पर लगाई रोक
10 फरवरी को कर्नाटक उच्च न्यायालय ने शिवकुमार के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने जांच एजेंसी को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज मामले में कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने का भी निर्देश दिया है।
उच्च न्यायालय ने बताया कि शिवकुमार के खिलाफ दर्ज मामले 2020 के थे और पिछले दो वर्षों में जांच की प्रगति पर सीबीआई से भी सवाल उठाया। उच्च न्यायालय ने एजेंसी से पूछा था कि वह अंतिम रिपोर्ट कब दाखिल करेगी, क्योंकि उसने सुनवाई की अगली तारीख तक कार्यवाही पर रोक लगा दी और मामले को स्थगित कर दिया।