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सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर SC का सिंगापुर की फर्म को नोटिस, पढ़ें 2जी स्पेक्ट्रम मामले से क्या है लिंक

SC on Subramanian Swamy Plea सुप्रीम कोर्ट स्वामी की उस याचिका पर विचार करने पर सहमत हो गया जिसमें मद्रास हाईकोर्ट द्वारा एक कंपनी को उनके खिलाफ सिंगापुर उच्च न्यायालय के समक्ष मानहानि का मुकदमा दायर करने की अनुमति का विरोध किया गया था। पीठ ने इसी के साथ कंपनी को मामले में सुनवाई होने तक केस चलाने से मना कर दिया है।

By AgencyEdited By: Mahen KhannaUpdated: Mon, 14 Aug 2023 05:11 PM (IST)
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SC on Subramanian Swamy Plea सुब्रमण्यम स्वामी को राहत।
नई दिल्ली, एजेंसी। SC on Subramanian Swamy Plea सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर सिंगापुर की एक फर्म को नोटिस जारी किया है। शीर्ष न्यायालय स्वामी की उस याचिका पर विचार करने पर सहमत हो गया, जिसमें मद्रास हाईकोर्ट द्वारा एक कंपनी को उनके खिलाफ सिंगापुर उच्च न्यायालय के समक्ष मानहानि का मुकदमा दायर करने की अनुमति का विरोध किया गया था।

छह सप्ताह बाद होगी सुनवाई

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने स्वामी द्वारा दायर अपील पर एडवांटेज स्ट्रैटेजिक कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड को नोटिस जारी किया। पीठ ने इसी के साथ कंपनी को मामले में सुनवाई होने तक केस चलाने से मना कर दिया है। मामले को अब छह सप्ताह बाद सुनवाई के लिए रखा गया है।

उच्च न्यायलय की पीठ ने दिया था यह आदेश

बता दें कि मद्रास उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने स्वामी को एक मुकदमा-विरोधी निषेधाज्ञा दी थी, जिसे बाद में उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने रद्द कर दिया, जिससे सिंगापुर फर्म के लिए सिंगापुर में स्वामी के खिलाफ आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त हो गया था। स्वामी ने उच्च न्यायालय की खंडपीठ के इसी आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था।

2जी स्पेक्ट्रम मामले में की थी टिप्पणी

यह मामला 26 अप्रैल 2012 को दिल्ली में स्वामी की प्रेस वार्ता से संबंधित है, जिसके दौरान उन्होंने कथित तौर पर 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन और एयरसेल-मैक्सिस सौदे में कथित अनियमितताओं पर टिप्पणी की थी।

एडवांटेज स्ट्रैटेजिक कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड ने आरोपों पर आपत्ति जताई थी और उन्हें कानूनी नोटिस जारी किया था। बाद में, इसी नाम की इसकी सिंगापुर सहायक कंपनी ने सिंगापुर उच्च न्यायालय में मानहानि की कार्यवाही शुरू की।

स्वामी ने शीर्ष अदालत में अदालत की अवमानना ​​की याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि शीर्ष अदालत में 2जी से संबंधित मामले दायर करने के लिए उन्हें अदालतों में नहीं घसीटा जा सकता है।