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'हमारे पास पाकिस्तान सरकार को निर्देश जारी करने का अधिकार नहीं है', सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा क्यों कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने पाकिस्तान के समुद्र में भटकने के बाद गिरफ्तार किए गए भारतीय मछुआरों का मुद्दा उठाने से इनकार कर दिया। अदालत ने कहा कि वह मछुआरों को रिहा करने के लिए पाकिस्तान को निर्देश जारी नहीं कर सकती है। इस मामले का निर्धारण संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत दायर याचिका में नहीं किया जा सकता है।पीठ तीन याचिकाकर्ताओं द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

By AgencyEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Fri, 25 Aug 2023 03:46 PM (IST)
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SC का पाक द्वारा भारतीय मछुआरों की गिरफ्तारी पर हस्तक्षेप से इनकार (Image: ANI)

नई दिल्ली, एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट ने आज पाकिस्तान के समुद्र में भटकने के बाद गिरफ्तार किए गए भारतीय मछुआरों का मुद्दा उठाने से इनकार कर दिया है।

कोर्ट ने आदेश दिया कि राजनीतिक मामलों को राजनीतिक रूप से सुलझाया जाएगा। शीर्ष अदालत ने कहा कि वह ऐसे मछुआरों को रिहा करने के लिए पाकिस्तान को निर्देश जारी नहीं कर सकती है और इस मामले का निर्धारण संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत दायर याचिका में नहीं किया जा सकता है।

क्या है संविधान का अनुच्छेद 32

संविधान का अनुच्छेद 32 भारतीय नागरिकों को उचित कार्यवाही के माध्यम से अपने मौलिक अधिकारों को लागू करने के लिए सीधे शीर्ष अदालत में जाने का अधिकार देता है।

न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकील से पूछा कि 'क्या इसे (अनुच्छेद) 32 याचिका में निर्धारित किया जाना है? पाकिस्तान और भारत अपनी मछुआरों की समस्या को कैसे सुलझाएंगे, (अनुच्छेद) 32 याचिका में हम निर्देश जारी करेंगे? क्या हम उन्हें रिहा करने के लिए पाकिस्तान को निर्देश जारी कर सकते हैं?"

न्यायिक समिति को पुनर्जीवित करने की मांग

पीठ तीन याचिकाकर्ताओं द्वारा दायर जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें दो गुजरात से और एक महाराष्ट्र से था। याचिकाकर्ताओं के वकील ने भारत और पाकिस्तान के न्यायाधीशों वाली एक न्यायिक समिति को पुनर्जीवित करने की मांग की, जिसका गठन 2008 में कैदियों के मुद्दे को पारस्परिक रूप से हल करने के लिए किया गया था। इसमें मछुआरे का मुद्दा भी शामिल था, जिन्हें एक-दूसरे के समुद्री क्षेत्र में भटकने के कारण गिरफ्तार किया गया था।

पीठ ने कहा, 'आज परिदृश्य क्या है? आज देश के साथ क्या संबंध हैं? पीठ ने पूछा, ये सरकारी मुद्दे हैं। राजनीतिक मामलों को राजनीतिक रूप से सुलझाया जाएगा।' याचिकाकर्ताओं से सरकार से संपर्क करने को कहा गया है।