'PIL दाखिल करने की बजाय पढ़ाई पर ध्यान दें', SC ने जनहित याचिका दाखिल करने वाले लॉ के छात्र को लगाई फटकार
संविधान में लिंग-तटस्थ शब्दों का उपयोग नहीं किए गए प्रावधानों को रद्द करने की मांग करते हुए एक जनहित याचिका दायर की गई थी जिसे सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को खारिज कर दिया है। साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ता लॉ के छात्र को फटकार लगाते हुए कहा है कि वो ऐसी याचिकाएं दाखिल करने की बजाय अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करें।
By AgencyEdited By: Shalini KumariUpdated: Tue, 04 Jul 2023 01:10 PM (IST)
नई दिल्ली, पीटीआई। संविधान में लिंग-तटस्थ शब्दों का उपयोग नहीं किए गए प्रावधानों को रद्द करने की मांग करते हुए एक जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को खारिज कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ ने याचिकाकर्ताओं को जनहित याचिका दायर करने के बजाय अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी है। दरअसल, याचिकाकर्ता हर्ष गुप्ता लॉ का छात्र है।
पढ़ाई करें ध्यान केंद्रित
पीठ ने कहा, "आप ऐसी याचिकाएं दायर करने के बजाय लॉ स्कूलों में क्यों नहीं पढ़ते? आप चाहते हैं कि हम संविधान में प्रावधानों को खत्म कर दें? इसलिए अब हमें संवैधानिक प्रावधानों को खत्म कर देना चाहिए क्योंकि इसमें अध्यक्ष का भी जिक्र नहीं है। शीर्ष अदालत कानून के छात्र हर्ष गुप्ता द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी।