सुप्रीम कोर्ट ने Same Sex Marriage को मान्यता देने से किया इनकार, याचिकाकर्ता ने कहा -आगे भी लड़ते रहेंगे
सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक विवाह (Same Sex Marriage) को मान्यता देने से इनकार कर दिया है। दरअसल कोर्ट में पांच जजों की बेंच इस मामले पर सुनवाई कर रही थी। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में 5 जजों की बेंच ने इस मामले में 11 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस पर याचिकाकर्ताओं ने अपनी प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी है।
'आगे भी लड़ते रहेंगे'
यह भी पढ़ें: Same Sex Marriage पर सुप्रीम कोर्ट का बंटा हुआ फैसला, जस्टिस भट्ट ने CJI के विचारों से जताई असहमति#WATCH | Supreme Court refuses to give marriage equality rights to the LGBTQIA+ community in India
— ANI (@ANI) October 17, 2023
One of the petitioners and activist Anjali Gopalan says, " We have been fighting for long and will keep doing so. Regarding adoption also nothing was done, what the CJI said was… pic.twitter.com/2ZyjPmdvi7
'कई टिप्पणियां हमारे पक्ष में'
उन्होंने कहा, "इसलिए हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम अपनी चुनी हुई सरकार, सांसदों और विधायकों के पास जाएं और उन्हें बताएं कि हम दो लोगों की तरह अलग हैं। लड़ाई चल रही है, इसमें कुछ समय लग सकता है, लेकिन हमें सामाजिक समानता मिलेगी"#WATCH | Supreme Court refuses to give marriage equality rights to the LGBTQIA+ community in India
— ANI (@ANI) October 17, 2023
One of the petitioners and LGBTQIA+ rights activist Harish Iyer says, Though at the end, the verdict was not in our favour but so many observations(by Supreme Court) made were in… pic.twitter.com/sP96khIq3l
#WATCH | Senior advocate Geeta Luthra who appeared for some of the petitioners in the marriage equality case says, "Even if the right to marriage has not been given, CJI has said that the same bundle of rights which every married couple has should be available to same-sex… pic.twitter.com/vWbJVUcYn3
— ANI (@ANI) October 17, 2023
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष आदीश अग्रवाला ने कहा, "मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं, जहां उन्होंने समलैंगिक विवाह की इजाजत नहीं दी है।"#WATCH | "I welcome the decision of the Supreme Court where they have not allowed same-sex marriage," says Supreme Court Bar Association president Adish Aggarwala. pic.twitter.com/7yHPeImcvz
— ANI (@ANI) October 17, 2023
वकील करुणा नंदी ने कहा, "आज कुछ ऐसे मौके थे, जहां कोर्ट ने कई फैसले केंद्र पर छोड़ दिए हैं और समलैंगिक विवाह को लेकर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। मैं यह भी कहूंगी कि कांग्रेस और राज्यों में सत्ता में मौजूद अन्य सरकारों के पास चिकित्सा निर्णय लेने के लिए साझेदार के अधिकारों की मान्यता को कानून में लाने के कई अवसर हैं, क्योंकि वे स्वास्थ्य पर कानून बना सकते हैं, वे रोजगार को बिना भेदभाव के देख सकते हैं। बहुत कुछ किया जा सकता है।"यह भी पढ़ें: समलैंगिक शादियों को मान्यता देने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, पांच जजों का 3-2 से फैसला#WATCH | Supreme Court refuses to give marriage equality rights to the LGBTQIA+ community in India
— ANI (@ANI) October 17, 2023
Lawyer Karuna Nundy says, "...There were some opportunities today that I believe has been pushed off to the legislators and the central govt has made their stand clear with regards… pic.twitter.com/BerEKzHmCY