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कपिल सिब्बल ने क्यों की कोलकाता कांड की लाइव स्ट्रीमिंग रोकने की मांग? सुप्रीम कोर्ट बोला- लोगों को पता तो चले

सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता कांड पर मंगलवार को सुनवाई की। इस बीच शीर्ष अदालत ने विकीपीडिया को पीड़िता की फोटो और नाम को हटाने का आदेश दिया। सर्वोच्च अदालत ने सीबीआई जांच पर संतुष्ट भी जताई है। मगर अदालत ने स्पष्ट किया है कि मामले में कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग जारी रहेगी। वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने रोक की मांग की थी।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Tue, 17 Sep 2024 01:58 PM (IST)
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सुप्रीम कोर्ट में जारी रहेगी कोलकाता कांड की लाइव स्ट्रीमिंग।
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कोलकाता में महिला डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या मामले की सुनवाई की। शीर्ष अदालत ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया था। अब सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग रोकने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि यह जनहित का मामला है और लोगों को पता होना चाहिए कि अदालत में क्या हो रहा है?

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मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने सीबीआई की रिपोर्ट का अवलोकन किया और कहा कि स्थिति का खुलासा करने से आगे की जांच खतरे में पड़ जाएगी।

सिब्बल ने इसलिए की लाइव स्ट्रीमिंग रोकने की मांग

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने मामले में चल रही कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग रोकने की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि चैंबर की महिला वकीलों को एसिड अटैक और बलात्कार की धमकियां मिल रही हैं। शीर्ष अदालत ने सिब्बल को आश्वासन दिया कि अगर वकीलों और अन्य लोगों को कोई खतरा हुआ तो वह कदम उठाएगी।

सेमिनार हॉल में मिली थी डॉक्टर की लाश

नौ अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के सेमिनार हॉल में महिला डॉक्टर का शिव मिला था। जांच में दुष्कर्म के बाद हत्या की पुष्टि हुई थी। अगले दिन मामले के सिलसिले में कोलकाता पुलिस ने एक नागरिक स्वयंसेवक को गिरफ्तार किया था। 13 अगस्त को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मामले की जांच कोलकाता पुलिस से सीबीआई को सौंप दी। 14 अगस्त से सीबीआई केस की जांच में जुटी है।

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