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PFI को अब सुप्रीम कोर्ट से झटका, बैन को चुनौती देने वाली याचिका खारिज; मिली ये सलाह

SC on PFI UAPA के तहत प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को आज सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। शीर्ष न्यायालय ने पीएफआई की याचिका सुनने से मना कर दिया है। PFI ने याचिका में बैन को चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को सुनने से इनकार करते हुए कहा कि ये मामला पहले हाई कोर्ट में जाना चाहिए था।

By AgencyEdited By: Mahen KhannaUpdated: Mon, 06 Nov 2023 12:29 PM (IST)
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SC on PFI पीएफआई को एक और झटका।
एजेंसी, नई दिल्ली। SC on PFI देश विरोधी गतिविधियों के लिए UAPA के तहत प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को आज सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। शीर्ष न्यायालय ने पीएफआई की याचिका सुनने से मना कर दिया है। PFI ने याचिका में बैन को चुनौती दी थी।

सुप्रीम कोर्ट की सलाह

सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को सुनने से इनकार (Supreme Court rejected PFI petition) करते हुए कहा कि ये मामला पहले हाई कोर्ट में जाना चाहिए था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपको उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की स्वतंत्रता है। केंद्र के प्रतिबंध की पुष्टि करने वाले यूएपीए ट्रिब्यूनल के आदेश के खिलाफ पीएफआई ने याचिका खारिज की थी।

पीठ ने क्या कहा?

न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने कहा कि पीएफआई के लिए न्यायाधिकरण के आदेश के खिलाफ पहले उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना उचित होगा।

पीएफआई की ओर से पेश वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने अदालत के विचार से सहमति व्यक्त की कि संगठन को पहले उच्च न्यायालय का रुख करना चाहिए था और फिर शीर्ष अदालत में आना चाहिए था। इसके बाद पीठ ने याचिका खारिज कर दी, लेकिन पीएफआई को उच्च न्यायालय जाने का अवसर दिया।

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पीएफआई ने याचिका में क्या अपील की?

पीएफआई ने अपनी याचिका में यूएपीए ट्रिब्यूनल के 21 मार्च के आदेश को चुनौती दी थी। इसके तहत केंद्र के 27 सितंबर 2022 के फैसले की पुष्टि की गई थी।

केंद्र ने आईएसआईएस जैसे वैश्विक आतंकवादी संगठनों के साथ कथित संबंधों और देश में सांप्रदायिक नफरत फैलाने की कोशिश के लिए पीएफआई पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगाया था।

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