Move to Jagran APP

सांसद मोहम्मद फैजल की सजा निलंबित करने के फैसले को SC ने किया रद्द, केरल HC को दिया दोबारा सुनवाई करने का आदेश

उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने हत्या के प्रयास के मामले में लोकसभा सांसद मोहम्मद फैजल की दोषसिद्धि और सजा को निलंबित करने के केरल उच्च न्यायालय (Kerala High Court) के आदेश को रद्द कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हत्या के प्रयास मामले में सांसद मोहम्मद फैजल की दोषसिद्धि सजा को निलंबित करने में केरल HC का दृष्टिकोण गलत था।

By AgencyEdited By: Shalini KumariUpdated: Tue, 22 Aug 2023 01:31 PM (IST)
Hero Image
सांसद मोहम्मद फैजल की सजा निलंबित करने के फैसले को SC ने किया रद्द
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। हत्या के प्रयास में दोषी लोकसभा सांसद मोहम्मद फैजल की दोषसिद्धि निलंबित करने का केरल हाई कोर्ट का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने रद कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने मामला वापस हाई कोर्ट भेजते हुए हाई कोर्ट से कहा है कि वह नये सिरे से विचार करके छह सप्ताह में निर्णय ले। तब तक मोहम्मद फैजल को मिला दोष सिद्धि निलंबन का लाभ जारी रहेगा।

फिलहाल संसद सदस्यता रहेगी बरकरार

यानी सुप्रीम कोर्ट से दोष सिद्ध का आदेश रद होने के बावजूद लक्षद्वीप से सांसद मोहम्मद फैजल की संसद सदस्यता फिलहाल बरकरार रहेगी। यह आदेश सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश बीवी नागरत्ना और जस्टिस उज्जवल भुइयां की पीठ ने दिया है।

10 साल की मिली थी सजा

बता दें कि लक्षद्वीप के एनसीपी सांसद मोहम्मद फैजल को कवरत्ती की सत्र अदालत ने 11 जनवरी 2023 को हत्या के प्रयास के जुर्म में दोषी ठहराते हुए 10 साल के कारावास और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी।

इस सजा के खिलाफ मोहम्मद फैजल ने केरल हाई कोर्ट में अपील की थी और हाई कोर्ट ने अपील पर सुनवाई के दौरान फैजल की सजा और दोषसिद्धि दोनों अंतरिम आदेश में निलंबित कर दी थीं। फैजल की दोषसिद्धि निलंबन के खिलाफ लक्षद्वीप प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश को बताया गलत

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि मोहम्मद फैजल की दोषसिद्धि निलंबित करने का हाई कोर्ट का आदेश गलत है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट ने आदेश में नये चुनाव की संभावना और उससे होने वाले भारी खर्च पर विचार किया है।

कोर्ट ने कहा कि यह कारण दोषसिद्धि को निलंबित करने का आधार नहीं हो सकते। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट को सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न फैसलों को ध्यान में रखते हुए उचित परिप्रेक्ष्य में मामले पर विचार करना चाहिए था।