जातीय जनगणना की मांग के बीच मोदी सरकार का बड़ा दांव, SC-ST और OBC को लेकर लिया बड़ा फैसला
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि सरकारी विभागों में 45 दिन या इससे अधिक की कॉन्ट्रैक्ट नौकरी में एससी एसटी और ओबीसी को आरक्षण दिया जाएगा। केंद्र ने कहा कि सभी मंत्रालयों और विभागों को आरक्षण को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। केंद्र ने आरक्षण की मांग करने वाली एक रिट याचिका का जवाब देते हुए उच्चतम न्यायालय में यह बात कही।
By Jagran NewsEdited By: Achyut KumarUpdated: Fri, 06 Oct 2023 12:11 PM (IST)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आगामी विधानसभा चुनावों से पहले सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा ने बड़ा दांव खेला है। अब सरकारी मंत्रालयों और विभागों में कॉन्ट्रैक्ट नौकरियों में भी अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को आरक्षण दिया जाएगा। यह फैसला जातीय जनगणना कराने की हो रही मांग के बीच आया है।
केंद्र ने रिट याचिका का दिया जवाब
केंद्र सरकार ने आरक्षण की मांग करने वाली एक रिट याचिका का जवाब देते हुए सुप्रीम कोर्ट में कहा कि सरकारी विभागों में 45 दिन या इससे अधिक की कॉन्ट्रैक्ट नौकरी में एससी, एसटी और ओबीसी को आरक्षण दिया जाएगा। केंद्र ने यह भी कहा कि सभी मंत्रालयों और विभागों को अस्थायी पदों पर आरक्षण को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।
संसदीय समिति की रिपोर्ट का दिया गया हवाला
'लाइव लॉ' के मुताबिक, केंद्र सरकार के पदों और सेवाओं में नियुक्तियों के संबंध में, अस्थायी नियुक्तियों में एससी, एसटी और ओबीसी उम्मीदवारों को आरक्षण दिया जाएगा, जो 45 या उससे अधिक समय तक चलेगा।ओएम में एससी और एसटी के कल्याण पर संसदीय समिति की एक रिपोर्ट का हवाला दिया गया है। इसमें यह पाया गया है कि अस्थायी नौकरियों में आरक्षण के निर्देशों का अक्षरश: पालन सभी विभाग नहीं कर रहे हैं।
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