SC-ST Quota: एससी-एसटी कोटे में कोटे पर सुप्रीम कोर्ट में शुरू हुआ मंथन, सात न्यायाधीशों की पीठ ने शुरू की सुनवाई
आरक्षण का मामला एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट के सामने है। इस बार अदालत कोटे में कोटा पर विचार कर रही है। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सात न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने एससी एसटी वर्ग को मिलने वाले आरक्षण में अति दलित व पिछड़े यानी एससी एसटी वर्ग के ज्यादा जरूरतमंदों को आरक्षण देने और प्राथमिकता देने के मुद्दे पर मंथन शुरू किया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आरक्षण का मामला एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट के सामने है। इस बार अदालत कोटे में कोटा पर विचार कर रही है। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सात न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने एससी एसटी वर्ग को मिलने वाले आरक्षण में अति दलित व पिछड़े यानी एससी एसटी वर्ग के ज्यादा जरूरतमंदों को आरक्षण देने और प्राथमिकता देने के मुद्दे पर मंथन शुरू किया है।
सुप्रीम कोर्ट विचार कर रहा है कि क्या राज्य सरकार को आरक्षण के लिहाज से एससी-एसटी वर्ग में जातियों के उप वर्गीकरण का अधिकार है। क्या राज्य सरकार एससी-एसटी वर्ग में ज्यादा पिछड़ी ज्यादा जरूरतमंद जातियों को आरक्षण का लाभ देने के लिए उप वर्गीकरण कर सकती है। मंगलवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने टिप्पणी में यह कहा भी क्या यहां भी वही मानदंड नहीं लागू होना चाहिए जैसा कि पिछड़े बनाम फॉरवर्ड के बीच अपनाया जाता है।
बुधवार को भी जारी रहेगी सुनवाई
मामले में बुधवार को भी सुनवाई जारी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट के सामने पंजाब का मामला है। जिसमें पंजाब सरकार 2006 में पंजाब अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग (सेवाओं में आरक्षण) कानून 2006 लायी थी। इस कानून में पंजाब में एसीसी वर्ग को मिलने वाले कुल आरक्षण में से पचास फीसद सीटें और पहली प्राथमिकता वाल्मीकि और मजहबियों (मजहबी सिख) के लिए तय कर दी गईं थीं।हाई कोर्ट ने कानून को असंवैधानिक ठहरा था
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने 2010 में पंजाब के इस कानून को असंवैधानिक ठहरा दिया था जिसके खिलाफ पंजाब सरकार की सुप्रीम कोर्ट में अपील है जिस पर सात न्यायाधीशों की पीठ सुनवाई कर रही है। सात न्यायाधीश इस मामले को इसलिए सुन रहे हैं क्योंकि 2004 में सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों की पीठ ने ईवी चैन्नया बनाम आंध्र प्रदेश मामले में दिए फैसले में कहा था कि राज्य सरकार को अनुसूचित जातियों के वर्गीकरण का अधिकार नहीं है।
पीठ ईवी चैन्नया फैसले में दी गई व्यवस्था पर पुनर्विचार
सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों की एक अन्य पीठ ने माना था कि ईवी चैन्नया के मामले में दिए गए फैसले पर पुनर्विचार की जरूरत है इसलिए आरक्षण के लिहाज से एससी-एसटी वर्ग में उप वर्गीकरण के इस मामले पर सात न्यायाधीशों की पीठ विचार कर रही है। मुख्य मामला पंजाब का है लेकिन पंजाब के साथ ही कुल करीब दो दर्जन याचिकाएं लंबित हैं जिनमें कोटे में कोटे का मामला उठाया गया है। सात न्यायाधीशों की पीठ ईवी चैन्नया फैसले में दी गई व्यवस्था पर भी पुनर्विचार करेगी।