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संदेशखाली मामले में ममता सरकार के रवैये से SC हैरान, कहा- हाईकोर्ट में लाभ लेने की कोशिश न करें

ममता सरकार को संदेशखाली मामले में झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई टालते हुए टिप्पणी की कि मामले में आरोप गंभीर हैं। महिलाओं पर अत्याचार जमीन हड़पने जैसे आरोप हैं। कोर्ट ने इसी के साथ सरकार के रवैये पर हैरानी जताते हुए कहा कि राज्य सरकार एक निजी व्यक्ति के खिलाफ जांच का विरोध कर रही है जिसपर गंभीर आरोप हैं।

By Mahen Khanna Edited By: Mahen Khanna Updated: Mon, 29 Apr 2024 12:56 PM (IST)
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ममता सरकार को एससी से झटका लगा।
जेएनएन, कोलकाता। संदेशखाली कांड की सीबीआइ जांच को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंची ममता सरकार को सोमवार को राहत नहीं मिली। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई को तीन माह के लिए टाल दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा- मामले में आरोप गंभीर

ममता सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सुनवाई के दौरान कहा कि मामले से जुड़ी अहम जानकारी और दस्तावेज राज्य के हाथ लगे हैं। इसलिए सीबीआइ जांच पर रोक लगा दें। इसके बाद न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की खंडपीठ ने टिप्पणी की कि मामले में आरोप गंभीर हैं। महिलाओं पर अत्याचार, जमीन हड़पने जैसे आरोप हैं।

कोर्ट ने इसी के साथ सरकार के रवैये पर हैरानी जताते हुए कहा कि राज्य सरकार एक निजी व्यक्ति के खिलाफ जांच का विरोध कर रही है, जिसपर गंभीर आरोप हैं। कोर्ट ने कहा कि मामला लंबित होने का हवाला देकर ममता सरकार हाईकोर्ट में कोई लाभ लेने की भी कोशिश न करे।

तीन महीने के लिए सुनवाई टली

शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि जांच प्रक्रिया को इसलिए बाधित नहीं किया जा सकता कि मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। जैसा चल रहा है, वैसा ही चलेगा। खंडपीठ ने यह भी कहा कि इस मामले पर अगली सुनवाई जुलाई में होगी।