मुफ्त रेवड़ियों पर जल्द सुनवाई की मांग पर विचार करेगा सुप्रीम कोर्ट, CJI ने कहा- मेरे चेंबर में भेजें फाइल
चुनाव के दौरान मतदाताओं को लुभाने के लिए राजनैतिक दलों द्वारा मुफ्त रेवड़ियों की घोषणा के मामले में जल्द सुनवाई के आग्रह पर सुप्रीम कोर्ट विचार करेगा। मामले पर जल्द सुनवाई की मांग पर प्रधान न्यायाधीश यूयू ललित ने कहा कि फाइल उनके चेंबर में भेजी जाए। (फाइल फोटो)
By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Fri, 14 Oct 2022 08:21 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चुनाव के दौरान मतदाताओं को लुभाने के लिए राजनैतिक दलों द्वारा मुफ्त रेवड़ियों की घोषणा के मामले में जल्द सुनवाई के आग्रह पर सुप्रीम कोर्ट विचार करेगा। शुक्रवार को मामले पर जल्द सुनवाई की मांग पर प्रधान न्यायाधीश यूयू ललित ने कहा कि फाइल उनके चेंबर में भेजी जाए। शुक्रवार को भाजपा नेता और वकील अश्वनी उपाध्याय ने प्रधान न्यायाधीश यूयू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ से मुफ्त रेवड़ियों से संबंधित याचिका पर शीघ्र सुनवाई का आग्रह किया।
CJI ने कहा-फाइल उनके चेंबर में भेजी जाए
पीठ ने कहा कि इस मामले में ऐसा क्या है कि इस पर तत्काल सुनवाई की जाए। उपाध्याय ने कहा कि मामले में जल्द सुनवाई की जरूरत है क्योंकि गुजरात में चुनाव होने वाले हैं और राजनैतिक दल अतार्किक घोषणाएं कर रहे हैं। इन दलीलों पर जस्टिस ललित ने कहा कि केस की फाइल उनके चेंबर में भेजी जाए। मालूम हो कि अश्वनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर चुनाव के दौरान मतदाताओं को लुभाने के लिए राजनैतिक दलों द्वारा मुफ्त उपहारों की घोषणाओं पर अंकुश लगाने की मांगी की है और ऐसी घोषणाएं करने वाले दलों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की है।
मुफ्त रेवड़ियों की संस्कृति पर सुप्रीम कोर्ट जता चुकी है चिंता
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त में याचिका पर सुनवाई के दौरान मुफ्त रेवड़ियों की संस्कृति पर चिंता जताई थी और सरकार से कहा था कि इसे नियंत्रित करने के लिए उसे सर्वदलीय बैठक बुलाकर विचार विमर्श करना चाहिए। कोर्ट ने मुफ्त रेवड़ियों पर विचार के लिए एक बहु सदस्यीय समिति बनाने का भी सुझाव दिया था। बाद में कोर्ट ने इस मामले को महत्वपूर्ण मानते हुए तीन न्यायाधीशों की पीठ को विचार के लिए भेज दिया था।
याचिकाकर्ता ने की शीघ्र सुनवाई की अनुरोध
कोर्ट ने कहा था कि कुछ पक्षकारों ने इस मामले में कोर्ट के 2013 के फैसले का भी मुद्दा उठाया है ऐसे में केस पर तीन न्यायाधीशों की पीठ को विचार करना चाहिए। कोर्ट ने चार सप्ताह बाद केस को सुनवाई पर लगाए जाने की बात कही थी लेकिन उसके बाद केस की सुनवाई नहीं हुई। जिस कारण याचिकाकर्ता उपाध्याय ने शुक्रवार को कोर्ट के समक्ष याचिका का जिक्र करते हुए मामले पर शीघ्र सुनवाई का अनुरोध किया था।
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