अदाणी मामला: जनहित याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई, विशेषज्ञों के पैनल की स्थापना पर भी होगा विचार
अदाणी मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चार जनहित याचिकाएं दाखिल की गई है। इनपर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करने का विचार कर रहा है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट भारतीय बाजारों की निगरानी में मजबूती के लिए समिति गठित करने के बारे में सोच रही है।
By Jagran NewsEdited By: Shalini KumariUpdated: Fri, 17 Feb 2023 01:05 PM (IST)
नई दिल्ली, एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट जल्द ही में अदाणी समूह के शेयरों में आई गिरावट पर दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। साथ ही, स्टॉक एक्सचेंज के लिए मौजूदा नियामक उपायों को मजबूत करने के लिए डोमेन एक्सपर्ट पैनल की स्थापना पर विचार करने की संभावना है। उल्लेखनीय है कि हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद अदाणी ग्रुप के शेयरों में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई थी।
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने भी माना है कि हाल में हुए घटनाक्रमों के बाद सुप्रीम कोर्ट के किसी पूर्व न्यायाधीश के नेतृत्व में विनियमन की समीक्षा की जानी चाहिए। केंद्र सरकार भी सर्वोच्च अदालत के इस कदम से सहमत है।
सेबी जैसे वैधानिक निकाय कर रहे हैं काम
केंद्र सरकार ने कहा है कि बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) जैसे वैधानिक निकाय “पूरी तरह से सक्षम” हैं और काम कर रहे हैं। केंद्र सरकार ने यह आशंका भी जताई है कि पैनल के गठन के समय यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि इससे निवेशकों के बीच किसी प्रकार का कोई गलत संदेश न जाए, क्योंकि इससे देश की अर्थव्यवस्था तथा धन प्रवाह पर प्रतिकूल प्रभाव भी पड़ सकता है।सरकार ने पीठ से कहा था कि वह “सीलबंद कवर” में नामों और पैनल के मैंडेट के दायरे जैसे विवरण प्रदान करना चाहता था। इसमें जिसमें जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला का नाम भी शामिल हैं।
शॉर्ट सेलिंग पर बैन के पक्ष में नहीं सेबी
शेयर बाजार नियामक सेबी ने शीर्ष अदालत में दायर अपने नोट में संकेत दिया था कि वह शॉर्ट-सेलिंग या उधार लिए गए शेयरों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के पक्ष में नहीं है। साथ ही, यह भी कहा कि वह अदाणी के शेयर के दाम के मूवमेंट्स के साथ ही अदाणी समूह के खिलाफ एक छोटे शॉर्ट-सेलर द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच कर रहा है।निवेशकों के हितों को बचाने की जरूरत
10 फरवरी को शीर्ष अदालत ने कहा था कि अदाणी शेयरों की गिरावट की पृष्ठभूमि में बाजार की अस्थिरता के खिलाफ भारतीय निवेशकों के हितों को संरक्षित करने की जरूरत है। केंद्र से एक पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में विषय विशेषज्ञों के एक पैनल की स्थापना पर विचार करने के लिए कहा गया है, जो नियामक तंत्र की सार्थकता को देखेगा।