मनी लॉन्ड्रिंग कानून की समीक्षा याचिकाओं पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट, पांच अगस्त की तारीख तय
प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट से जुड़ी समीक्षा याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट विचार करने पर राजी हो गया है। पांच अगस्त को मामले की सुनवाई होगी। इस मामले से जुड़ी कई समीक्षा याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट पहुंची हैं। कांग्रेस नेता कीर्ति चिदंबरम और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी याचिका दाखिल की है। सॉलिसिटर जनरल ने दो हफ्ते सुनवाई स्थगित करने की मांग की थी।
एएनआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के विभिन्न प्रविधानों को चुनौती देने वाली एक समीक्षा याचिका पर पांच अगस्त को सुनवाई करने को कहा है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जस्टिस संजीव खन्ना के नेतृत्व वाली पीठ को बताया कि एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू किसी निजी परेशानी के कारण अहमदाबाद में हैं। उन्होंने इस मामले को दो हफ्ते के लिए स्थगित करने की मांग की है। अब अदालत ने मामले को पांच अगस्त तक सुनवाई के लिए स्थगित कर दिया।
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कोर्ट पीएमएलए के प्रविधानों को कायम रखने के सर्वोच्च अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली समीक्षा याचिका की सुनवाई कर रहा है। इससे पहले, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस फैसले के पुनर्मूल्यांकन का विरोध करते हुए कहा कि पीएमएलए कोई अकेला अपराध नहीं है। बल्कि पीएमएलए वह कानून है जो अंतरराष्ट्रीय संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) के दिशा-निर्देशों के अनुरूप बनाया गया है।
महबूबा और कीर्ति चिदंबरम ने भी दाखिल की याचिका
सुप्रीम कोर्ट अब समीक्षा याचिका पर विचार करने को सहमत हो चुका है। विभिन्न समीक्षा याचिकाओं में से एक समीक्षा याचिका कांग्रेस सांसद कीर्ति चिदंबरम ने दायर की है। इसके अलावा याचिकाकर्ताओं में जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती भी शामिल हैं।
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