तमिलनाडु में स्कूल खुलने के बाद 15 दिन में ही 117 छात्र हुए संक्रमित, बच्चों में संक्रमण कितना घातक, जानें विशेषज्ञों की राय
Covid-19 infection in children तमिलनाडु में स्कूलों के खुलने के बाद छात्रों में कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी नजर आई है। बच्चों में कोरोना संक्रमण कितना खतरनाक है... आइए जानें इस मसले पर क्या है चिकित्सा विशेषज्ञों की राय!
By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Fri, 17 Sep 2021 12:40 AM (IST)
नई दिल्ली/चेन्नई, एजेंसियां। तमिलनाडु में स्कूलों के खुलने के बाद छात्रों में कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी नजर आई है। समाचार एजेंसी आइएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में पहली सितंबर से कक्षा-9 से 12 तक के स्कूलों के खुलने के बाद से अब तक 117 छात्र कोरोना संक्रमित हुए हैं। बुधवार को ही 34 छात्रों की कोविड जांच रिपोर्ट पाजिटिव आई है। यही नहीं पहली सितंबर के बाद से कुछ शिक्षक भी कोरोना संक्रमित हुए हैं। बच्चों में कोरोना संक्रमण कितना खतरनाक है... आइए जानें इस मसले पर क्या है चिकित्सा विशेषज्ञों की राय!
तैयारियों पर दिया जोर समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक मिजोरम और केरल समेत कुछ अन्य राज्यों में भी 10 साल से कम उम्र के बच्चों में कोरोना संक्रमण के मामलों में वृद्धि दर्ज की गई है। इस पर विशेषज्ञों का कहना है कि यदि बच्चे एसिम्टोमैटिक हैं और उन्हें गंभीर संक्रमण नहीं है तो उनमें कोविड-19 का संक्रमण ज्यादा चिंता का विषय नहीं होना चाहिए। हालांकि उन्होंने बड़ी संख्या में संक्रमित बच्चों के अस्पतालों में भर्ती होने की जरूरत जैसी आकस्मिक स्थिति के लिए तैयारियां करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
कई राज्यों में बच्चों में बढ़े संक्रमण के मामले आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कुल सक्रिय मामलों में 10 साल से कम उम्र के संक्रमित बच्चों का प्रतिशत इस साल मार्च से बढ़ा है। मिजोरम, मेघालय, मणिपुर और केरल से बड़ी संख्या में बच्चों के संक्रमित होने के मामले सामने आ रहे हैं। मिजोरम में मंगलवार को कोरोना के मामलों में उच्चतम एक दिवसीय उछाल दर्ज किया गया। इनमें 300 बच्चों सहित 1,502 लोगों को कोरोना संक्रमित पाया गया जिससे राज्य में संक्रमितों का आंकड़ा 72,883 हो गया है।
गंभीर संक्रमण का जोखिम कम टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (National Technical Advisory Group on Immunisation, NTAGI) के COVID-19 कार्यकारी समूह के अध्यक्ष डा एनके अरोड़ा ने कहा कि यदि बच्चे कोरोना संक्रमित पाए जाते हैं लेकिन वे रोगसूचक (Symptomatic) नहीं हैं तो यह चिंता की बात नहीं है। अरोड़ा ने कहा कि बच्चों में सिम्टोमैटिक मामलों का अनुपात बेहद कम है और गंभीर संक्रमण का खतरा भी असामान्य है।
...तो बच्चों में बढ़ेगा संक्रमण वहीं एम्स दिल्ली के निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया का कहना है कि जैसे ही प्रतिबंध हटा दिए जाते हैं और लोग अपने बच्चों के साथ यात्रा करना शुरू कर देते हैं जिन बच्चों को कोरोना नहीं हुआ है वे संक्रमित हो जाएंगे। यह संख्या में नजर भी आएगा। लेकिन यह संक्रमण के कारण बड़ी संख्या में बच्चों के भर्ती होने या मृत्यु का जोखिम पैदा नहीं करता है। अधिकांश बच्चे एसिम्टोमैटिक होंगे और उन्हें हल्की बीमारी होगी। हालांकि हमें अस्पताल में भर्ती होने वाले अधिक बच्चों सहित किसी भी अप्रत्याशित घटना के लिए भी तैयार रहने की जरूरत है।