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Electronic Soil: वैज्ञानिकों ने की 'इलेक्ट्रॉनिक मिट्टी' का आविष्कार, 15 दिन में दोगुनी फसल का दावा; इसके बारे में जानिए

Electronic Soilस्वीडन स्थित लिंकोपिंग विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर एलेनी स्तावरिनिडौ ने कहा ‘दुनिया की आबादी बढ़ रही है और जलवायु परिवर्तन भी हो रहा हैइसलिए यह स्पष्ट है कि हम खेती के केवल पहले से मौजूद तरीकों से पृथ्वी की खाद्य जरूरतों को पूरा करने में सक्षम नहीं होंगे।वैज्ञानिकों ने ऐसा दावा किया है कि इस ‘‘मिट्टी’’से औसतन15दिन में जौ के पौधों की 50 प्रतिशत अधिक वृद्धि हो सकती है।

By Agency Edited By: Babli Kumari Updated: Tue, 26 Dec 2023 03:34 PM (IST)
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फसल वृद्धि के लिए वैज्ञानिकों ने विकसित की 'इलेक्ट्रॉनिक मिट्टी' (फाइल फोटो)
पीटीआई, नई दिल्ली। वैज्ञानिकों ने विद्युत सुचालक (Electrically Conductive) एक ऐसी ‘‘मिट्टी’’ विकसित की है जिससे औसतन 15 दिन में जौ के पौधों की 50 प्रतिशत अधिक वृद्धि हो सकती है। वैज्ञानिकों ने ऐसा दावा किया है। मिट्टी रहित खेती की इस विधि को ‘हाइड्रोपोनिक्स’ के रूप में जाना जाता है।

इस विधि में ऐसी जड़ प्रणाली का इस्तेमाल किया जाता है जिसे खेती के नए ‘सब्सट्रेट’ (ऐसा पदार्थ या सतह जिस पर कोई पौधा बढ़ता है) के माध्यम से विद्युत रूप से उत्तेजित किया जाता है।

बहुत नियंत्रित परिवेश में उगा सकते हैं फसल 

स्वीडन स्थित लिंकोपिंग विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर एलेनी स्तावरिनिडौ ने कहा, ‘‘दुनिया की आबादी बढ़ रही है और जलवायु परिवर्तन भी हो रहा है इसलिए यह स्पष्ट है कि हम खेती के केवल पहले से मौजूद तरीकों से पृथ्वी की खाद्य जरूरतों को पूरा करने में सक्षम नहीं होंगे।’’

स्तावरिनिडौ ने कहा, ‘‘लेकिन हाइड्रोपोनिक्स की मदद से हम शहरों में भी बहुत नियंत्रित परिवेश में फसल उगा सकते हैं।’’

जौ के पौधे 15 दिनों में 50 प्रतिशत अधिक तेजी से बढ़े

टीम ने हाइड्रोपोनिक खेती के अनुरूप एक विद्युत सुचालक खेती सब्सट्रेट विकसित किया, जिसे वे ई-सॉइल कहते हैं। ‘प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज’ पत्रिका में प्रकाशित शोध से पता चलता है कि विद्युत सुचालक ‘‘मिट्टी’’ में उगाए गए जौ के पौधे 15 दिनों में तब 50 प्रतिशत अधिक तेजी से बढ़े जब उनकी जड़ों को विद्युतीय रूप से उत्तेजित किया गया।

'बिना मिट्टी के उगते हैं हाइड्रोपोनिक खेती में फसल'

‘हाइड्रोपोनिक’ खेती का मतलब है कि पौधे मिट्टी के बिना उगते हैं, उन्हें केवल पानी, पोषक तत्वों और ऐसे सब्सट्रेट की आवश्यकता होती है जिससे उनकी जड़ें जुड़ सकें।

आमतौर पर अनाज को चारे के रूप में उपयोग के अलावा हाइड्रोपोनिक्स में नहीं उगाया जाता है। नवीनतम अध्ययन में, शोधकर्ताओं ने दिखाया है कि हाइड्रोपोनिक्स का उपयोग करके जौ के पौधों की खेती की जा सकती है और विद्युत उत्तेजना के कारण उनकी विकास दर बेहतर होती है।

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