Chandrayaan-3: चंद्रमा को लेकर अनुसंधान में अग्रणी बन जाएगा भारत, सॉफ्ट लैंडिंग पर वैज्ञानिकों ने क्या कहा?
चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 मिशन की सफल सॉफ्ट लैंडिंग पर विज्ञानियों ने भी अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि दक्षिण ध्रुव पर उतरकर हमने इतिहास रच दिया है। उन्होंने कहा कि इस प्रयास से भारत चंद्रमा को लेकर अनुसंधान में अग्रणी बन जाएगा। ओम्निप्रेजेंट रोबोट टेक के सीईओ आकाश सिन्हा ने कहा कि मिशन की उपलब्धियां बाधाओं को तोड़ेंगी और नए मानक स्थापित करेंगी।
By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Thu, 24 Aug 2023 12:40 AM (IST)
नई दिल्ली, पीटीआई। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 मिशन की सफल सॉफ्ट लैंडिंग पर विज्ञानियों ने भी अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि दक्षिण ध्रुव पर उतरकर हमने इतिहास रच दिया है। उन्होंने कहा कि इस प्रयास से भारत चंद्रमा को लेकर अनुसंधान में अग्रणी बन जाएगा।
सफल लैंडिंग पर क्या बोले वैज्ञानिक?
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स बेंगलुरु के विज्ञानी डॉ. क्रिसफिन कार्तिक ने कहा कि चंद्रयान की सफल लैंडिंग अंतरिक्ष यात्रा की दिशा में हमारी सामूहिक प्रगति का प्रमाण है। धीमे और स्थिर रूप से लक्ष्य तक पहुंचना यह कहने से बेहतर है कि हमने दौड़ जीत ली।
'मिशन की उपलब्धियां बाधाओं को तोड़ेंगी'
ओम्निप्रेजेंट रोबोट टेक के सीईओ आकाश सिन्हा ने कहा कि मिशन की उपलब्धियां बाधाओं को तोड़ेंगी और नए मानक स्थापित करेंगी, जिससे भारत चंद्रमा पर अनुसंधान में अग्रणी बन जाएगा। हमारी टीम ने प्रज्ञान रोवर के नेविगेशन के लिए साफ्टवेयर विकसित करने के लिए इसरो के साथ लगातार काम किया। हमें खुशी हो रही है कि हमारा काम और शोध चंद्रमा तक पहुंच गया है।'सफल लैंडिंग से जगी आत्मविश्वास'
खगोलभौतिकीविद संदीप चक्रवर्ती ने कहा कि सॉफ्ट लैंडिंग भविष्य की गतिविधियों के लिए एक शुरुआत है। यह बाहरी दुनिया का प्रवेश द्वार है। सफल लैंडिंग हर नागरिक में आत्मविश्वास जगाती है। इससे विद्यार्थियों की महत्वाकांक्षा बढ़ती है। उन्होंने कहा कि भारत की सहमति के बिना चंद्रमा पर कोई भी भविष्य का नियमन नहीं बनाया जा सकता, इसलिए यह भारतीय संदर्भ में एक आदर्श बदलाव की घटना होगी।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के तहत स्वायत्त संगठन विज्ञान प्रसार के विज्ञानी डा. टीवी वेंकटेश्वरन ने कहा कि यह युवा प्रतिभाओं को प्रेरित करेगा। सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग से पता चलता है कि एआई-संचालित एल्गोरिदम ने अच्छा काम किया है। उसी एल्गोरिदम को संशोधित किया जा सकता है और अन्य वाहनों को नियंत्रित करने के लिए उपयोग किया जा सकता है। यह चंद्रमा के लगातार अध्ययन का मार्ग प्रशस्त करेगा। यही तकनीक इसरो को भविष्य के मिशन में मंगल ग्रह पर उतरने में भी मदद करेगी।