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जयशंकर की दो टूक के बाद नरम पड़े ड्रैगन के तेवर, चीनी विदेश मंत्री बोले- हमें अब शांति का रास्ता निकालना चाहिए

SCO Meet in Goa चीनी विदेश मंत्री किन गैंग ने भारत से खास अपील की है। चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि अब भारत और चीन को शांतिपूर्ण और मैत्रीपूर्ण और परस्पर लाभकारी सहयोग का मार्ग तलाशना होगा।

By AgencyEdited By: Mahen KhannaUpdated: Thu, 04 May 2023 11:51 PM (IST)
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SCO Meet in Goa भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से बात करते चीनी विदेश मंत्री।
पणजी, एजेंसी। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए गोवा में मौजूद चीनी विदेश मंत्री किन गैंग ने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से खास अपील की है। चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि अब भारत और चीन को शांतिपूर्ण और मैत्रीपूर्ण और परस्पर लाभकारी सहयोग का मार्ग तलाशना चाहिए।

आपसी सहयोग बढ़ाने की अपील

चीनी विदेश मंत्री किन ने कहा कि दोनों देशों को पारस्परिक रूप से लाभप्रद सहयोग को बढ़ावा देना होगा। उन्होंने आगे कहा कि आपसी विश्वास और सहयोग को बढ़ाने, विकासशील देशों के सामान्य हितों और अंतर्राष्ट्रीय निष्पक्षता और न्याय की संयुक्त रूप से रक्षा करने के लिए हमें प्रतिबद्ध होना होगा।

जयशंकर बोले- पहले सीमा विवाद सुलझाओ

विदेश मंत्री जयशंकर ने आज ही द्विपक्षीय बैठक में कहा कि चीन और भारत के रिश्तों में सुधार तभी हो सकता है जब  सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि सीमा विवाद सुलझाए बिना द्विपक्षीय रिश्तों में सुधार आ ही नहीं सकता।

डॉक्टर कोटनिस के रिश्तेदारों से मिले चीनी मंत्री

गोवा में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक से इतर विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ द्विपक्षीय बैठक करने वाले किन ने चीन में सेवा देने वाले भारतीय डॉक्टर डॉ. द्वारकानाथ कोटनिस के रिश्तेदारों से भी मुलाकात की। द्वारकानाथ ने माओ जेडोंग के नेतृत्व में साम्यवादी क्रांति और द्वितीय विश्व युद्ध में चीन में अपनी सेवाएं दी थी।

युवा प्रतिनिधियों से भी की मुलाकात

चीनी मंत्री ने चीन और भारत के युवा प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की। इस दौरान किन ने कहा कि हमें डॉ. कोटनिस की भावना को आगे बढ़ाना चाहिए, चीन और भारत के बीच शांति और दोस्ती को मजबूती से बनाए रखना चाहिए।

उन्होंने मई 2020 में पूर्वी लद्दाख में चल रहे सैन्य गतिरोध का जिक्र किए बिना कहा, दोनों देशों को शांतिपूर्ण और मैत्रीपूर्ण सह-अस्तित्व और प्रमुख पड़ोसी देशों के सामान्य कायाकल्प की राह तलाशनी चाहिए।