SCO Summit 2024: एससीओ शिखर सम्मेलन में अफगानिस्तान और यूक्रेन पर हो सकती है चर्चा, विदेश मंत्री जयशंकर करेंगे भारत का प्रतिनिधित्व
कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का 24वें शिखर सम्मेलन होने जा रहा है। इस शिखर सम्मेलन में भारत की ओर से विदेश मंत्री एस जयशंकर प्रतिनिधित्व करेंगे। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि शिखर सम्मेलन में अफगानिस्तान की स्थिति रूस-यूक्रेन युद्ध और एससीओ सदस्य देशों के बीच समग्र सुरक्षा सहयोग को बढ़ावा देने पर चर्चा होने की उम्मीद है।
पीटीआई, नई दिल्ली। कजाखिस्तान की राजधानी अस्ताना में गुरुवार को होने जा रहे शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में अफगानिस्तान की स्थिति, यूक्रेन संघर्ष और एससीओ सदस्य देशों के बीच सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर चर्चा होने की संभावना है। सम्मेलन में विदेश मंत्री एस. जयशंकर भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शिखर सम्मेलन में भाग नहीं ले रहे हैं।
इन अहम मुद्दों पर हो सकती है चर्चा
विदेश मंत्रालय ने कहा कि एससीओ में भारत की प्राथमिकताओं को एक 'सिक्योर' (सुरक्षित) एससीओ को लेकर प्रधानमंत्री की दूर²ष्टि ने आकार दिया है। 'सिक्योर' का तात्पर्य सिक्योरिटी (सुरक्षा), इकोनमिक कोआपरेशन (आर्थिक सहयोग), कनेक्टिविटी (संपर्क), यूनिटी (एकता), संप्रभुता व क्षेत्रीय अखंडता के लिए 'रिस्पेक्ट' (सम्मान) और 'एनवायरमेंटल' (पर्यावरणीय) सुरक्षा है। विदेश मंत्रालय ने कहा, "शिखर सम्मेलन में नेताओं के पिछले दो दशकों में संगठन की गतिविधियों की समीक्षा करने और बहुपक्षीय सहयोग की स्थिति व संभावनाओं पर चर्चा करने की उम्मीद है।"
ये देश हैं एससीओ के सदस्य
एक बयान में उसने कहा, "बैठक में क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व के सामयिक मुद्दों पर भी चर्चा होने की उम्मीद है।" एससीओ के सदस्यों में भारत, चीन, रूस, पाकिस्तान, कजाखिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। यह एक प्रभावशाली आर्थिक और सुरक्षा संगठन है जो सबसे बड़े अंतर-क्षेत्रीय अंतरराष्ट्रीय संगठनों में से एक के रूप में उभरा है।कजाखिस्तान इस समूह का मौजूदा अध्यक्ष होने के नाते इस शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। पिछले वर्ष भारत एससीओ का अध्यक्ष था। उसने पिछले वर्ष जुलाई में डिजिटल माध्यम से एससीओ शिखर सम्मेलन की मेजबानी की थी। एससीओ की स्थापना रूस, चीन, किर्गिस्तान, कजाखिस्तान, ताजिकिस्तान व उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों ने 2001 में शंघाई में शिखर सम्मेलन में की थी।