बिजली उत्पादन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम, काकरापार में शुरू हुआ दूसरा स्वदेशी परमाणु संयंत्र
भारत का दूसरा स्वदेशी 700 मेगावाट (700 MW) का परमाणु संयंत्र काकरापार ( Nuclear plant at Kakrapar ) में रविवार को शुरू हो गया। काकरापार परमाणु ऊर्जा परियोजना (केएपीपी) यूनिट-4 देश में स्थापित किए जा रहे 700 मेगावाट के 16 स्वदेशी दबावयुक्त भारी जल रिएक्टरों (पीएचडब्ल्यूआर) की श्रृंखला में दूसरा है। इसके साथ ही वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए बिजली उत्पादन की दिशा में एक और कदम बढ़ा दिया गया है।
पीटीआई, नई दिल्ली। भारत का दूसरा स्वदेशी 700 मेगावाट का परमाणु संयंत्र काकरापार में रविवार को शुरू हो गया। इसमें नियंत्रित विखंडन प्रतिक्रिया (कंट्रोल्ड फिजन रिएक्शन) शुरू हो गई है। इसके साथ ही वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए बिजली उत्पादन की दिशा में एक और कदम बढ़ा दिया गया है।
न्यूक्लियर पावर कारपोरेशन आफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआइएल) के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक बीसी पाठक की उपस्थिति में रविवार सुबह 1.17 बजे इसकी शुरुआत हुई।
केएपीपी-4 की उपलब्धि महत्वपूर्ण
काकरापार परमाणु ऊर्जा परियोजना (केएपीपी) यूनिट-4 देश में स्थापित किए जा रहे 700 मेगावाट के 16 स्वदेशी दबावयुक्त भारी जल रिएक्टरों (पीएचडब्ल्यूआर) की श्रृंखला में दूसरा है। पाठक ने कहा कि यूनिट-3 के वाणिज्यिक संचालन के छह महीने के भीतर केएपीपी-4 की उपलब्धि महत्वपूर्ण है। एनपीसीआइएल ने कहा कि परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड की सभी शर्तों को पूरा करने के बाद इसकी शुरुआत की गई है। इसने संयंत्रों की प्रणालियों की सुरक्षा की गहन समीक्षा के बाद मंजूरी दी थी।
केएपीपी-4 में कई परीक्षण किए जाएंगे
इस शुरुआत के बाद केएपीपी-4 में कई परीक्षण किए जाएंगे और एईआरबी की मंजूरी के अनुरूप बिजली का स्तर चरणों में बढ़ाया जाएगा, जो अंतत: पूरी शक्ति से संचालित होने लगेगी। केएपीपी-3 और 4 गुजरात के काकरापार में स्थित हैं, जो मौजूदा संयंत्र केएपीएस-1 और 2 के निकट हैं।
एनपीसीआइएल 7,480 मेगावाट की कुल क्षमता
एनपीसीआइएल ने दावा किया कि इन स्वदेशी पीएचडब्ल्यूआर में उन्नत सुरक्षा विशेषताएं हैं। ये दुनिया के सबसे सुरक्षित रिएक्टरों में से एक हैं। इन रिएक्टरों का डिजाइन, निर्माण और संचालन एनपीसीआइएल द्वारा किया गया है। उपकरणों की आपूर्ति भारतीय कंपनियों द्वारा की गई है। वर्तमान में एनपीसीआइएल 7,480 मेगावाट की कुल क्षमता वाले 23 संयंत्रों का संचालन करता है और 7,500 मेगावाट की क्षमता वाली नौ इकाइयां निर्माणाधीन हैं। इसके अलावा 7,000 मेगावाट की कुल क्षमता वाले 10 और रिएक्टर पूर्व-परियोजना गतिविधियों में शामिल हैं।
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