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कोरोना काल में मुसीबत बनेगी गुपचुप शादी, विवाह पंजीयन के लिए प्रशासनिक अनुमति रहेगी जरूरी

निर्धारित गाइडलाइन में वर व वधू पक्ष से शामिल होने वाले मेहमानों की संख्या निर्धारित की गई थी। इस बीच बिना प्रशासन की अनुमति लिए विवाह करने वालों को अब इस नए नियम से परेशानी हो सकती है जिसे कोरोना संक्रमण के नियंत्रण के लिए अनिवार्य किया गया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Updated: Sat, 05 Jun 2021 07:40 PM (IST)
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कोरोना काल के दौरान गुपचुप शादी रचाने वाले दंपतियों को अब विवाह पंजीयन कराने में परेशानी हो सकती है।

विकास पांडेय, कोरबा। छत्तीसगढ़ में कोरोना काल के दौरान गुपचुप शादी रचाने वाले दंपतियों को अब विवाह पंजीयन कराने में परेशानी हो सकती है। नव विवाहित दंपतियों को शासन के नियमों के अनुसार विवाह पंजीयन कराना होता है। नवयुगलों के लिए नगर निगम कोरबा ने नियम जारी किया है कि पंजीयन की अर्जी के साथ विवाह कार्यक्रम के लिए जिला प्रशासन से ली गई अनुमति का प्रमाण भी देना होगा। दरअसल कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए नगर निगम ने यह कवायद की है।

संक्रमण रोकने के लिए नगर निगम की कवायद

विवाह के बाद पंजीयन के लिए शासन से निर्धारित नियमों के अनुसार तीन प्रमुख दस्तावेज वर व वधु समेत दोनों पक्ष से शपथ पत्र, आधार पहचान पत्र, दोनों के पासपोर्ट आकार की दो फोटो और कक्षा दसवीं की अंक सूची का मूल प्रमाण पत्र दिखाना होता है। मार्च 2020 से लेकर इस साल मई के बीच कोरोना संक्रमण को देखते हुए घोषित किए गए लाकडाउन में कुछ समय के लिए मांगलिक कार्यक्रमों पर पाबंदी रही। उसके बाद छूट देते हुए प्रशासन की अनुमति से ही शादी-ब्याह करने की सहूलियत दी गई। 

निर्धारित गाइडलाइन में वर व वधू पक्ष से शामिल होने वाले मेहमानों की संख्या निर्धारित की गई थी। इस बीच बिना प्रशासन की अनुमति लिए विवाह करने वालों को अब इस नए नियम से परेशानी हो सकती है, जिसे कोरोना संक्रमण के नियंत्रण के लिए अनिवार्य किया गया है। वजह साफ है कि बिना अनुमति शादी में संभव है कि तय संख्या से अधिक मेहमान शामिल हुए हों, जो महामारी एक्ट का भी उल्लंघन माना जा सकता है। नगर निगम में जन्म-मृत्यु विवाह पंजीयन शाखा के प्रभारी वीके सारस्वत ने बताया कि फिलहाल ऐसा प्रकरण अब तक सामने नहीं आया है।

पूर्व के वर्षों की अपेक्षा आधी शादी, इस साल 104 पंजीयन

कोरोना काल शुरू होने के पहले के वर्षों में प्रतिवर्ष 350 से 400 शादियां होती थीं। वर्ष 2020 में ही जिले से प्रशासन के पास विवाह के लिए 337 आवेदन आनलाइन प्रस्तुत किए गए थे। इनमें से करीब 30 फीसद परिवारों को ही विवाह की अनुमति प्रदान की गई थी। वर्तमान वर्ष में जनवरी से लेकर अब तक की स्थिति में विवाह के 104 पंजीयन कराए जा चुके हैं। कोरबा एसडीएम सुनील नायक ने कहा कि बिना अनुमति शादी किए जाने के प्रकरण मिलने पर शासन से मार्गदर्शन लेकर कार्रवाई की जाएगी।