किसी बड़े हमले की आशंका जाहिर कर रहा है प्रकाश पर्व से पहले हुआ अमृतसर हमला
प्रकाश पर्व और राजस्थान चुनाव से पहले अमृतसर में हुआ बम हमला भविष्य में किसी बड़े हमले की आशंंका को बल दे रहा है।
By Kamal VermaEdited By: Updated: Sun, 18 Nov 2018 05:38 PM (IST)
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। पंजाब के अमृतसर में हुआ हमला काफी कुछ इशारा कर रहा है। सत्संग सुन रहे लोगों पर यह हमला किया गया है जिसमें तीन की मौत और एक दर्जन से अधिक लोग घायल होने की खबर है। यह हमला उस वक्त किया गया है जब 23 नवंबर को प्रकाश पर्व होने वाला है। पूरे प्रदेश में इसको लेकर जोरदार तैयारियां चल रही हैं। प्रकाश पर्व का महत्व किसी को बताने और समझाने की जरूरत नहीं होनी चाहिए। प्रकाश पर्व न सिर्फ पंजाब के लिए काफी बड़ा है बल्कि हर राज्य और देश के हर गुरुद्वारे में इसको लेकर हर वर्ष ही बड़ा आयोजन होता आया है। इस बार भी सभी गुरुद्वारों में इसको लेकर खास आयोजन होना है। ऐसे में अमृतसर हमला सभी के कान खड़े कर रहा है। इस हमले को इसलिए भी जम्मू कश्मीर से फरार आतंकी मूसा से जोड़कर देखा जा रहा है क्योंकि एक दिन पहले ही पंजाब पुलिस ने उसका पोस्टर जारी किया और लोगों को सावधान रहने की हिदायत दी थी। इस घटना के बाद भी ट्विटर पर #AmritsarBlast ट्रेंड करने लगा है।
निरंकारी मिशन
अमृतसर में यह बम हमला निरंकारी आश्रम में उस वक्त किया गया जब लोग सत्संग सुन रहे थे। यहां पर ये भी बताना जरूरी है कि बाबा बूटा सिंह ने संत निरंकारी मिशन की स्थापना 1929 में की थी। मौजूदा समय में दुनिया भर में मिशन के एक करोड़ से ज्यादा भक्त हैं। इसके अलावा दुनिया भर के 27 देशों में निरंकारी मिशन काम कर रहे हैं। इसका मुख्यालय दिल्ली में स्थित है। विदेशों में मिशन के 100 से ज्यादा केंद्र हैं। भारत के अलावा आस्ट्रोलिया, कनाडा, जर्मनी, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका, अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम में इनके कई आश्रम हैं। वर्ष 2016 में बाबा हरदेव के निधन के बाद 16 जुलाई 2018 को मिशन की बागडोर उनकी पुत्री सुदीक्षा संभाल रखी है। वे निरंकारी मिशन की छठी प्रमुख हैं।
अमृतसर में यह बम हमला निरंकारी आश्रम में उस वक्त किया गया जब लोग सत्संग सुन रहे थे। यहां पर ये भी बताना जरूरी है कि बाबा बूटा सिंह ने संत निरंकारी मिशन की स्थापना 1929 में की थी। मौजूदा समय में दुनिया भर में मिशन के एक करोड़ से ज्यादा भक्त हैं। इसके अलावा दुनिया भर के 27 देशों में निरंकारी मिशन काम कर रहे हैं। इसका मुख्यालय दिल्ली में स्थित है। विदेशों में मिशन के 100 से ज्यादा केंद्र हैं। भारत के अलावा आस्ट्रोलिया, कनाडा, जर्मनी, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका, अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम में इनके कई आश्रम हैं। वर्ष 2016 में बाबा हरदेव के निधन के बाद 16 जुलाई 2018 को मिशन की बागडोर उनकी पुत्री सुदीक्षा संभाल रखी है। वे निरंकारी मिशन की छठी प्रमुख हैं।
मूसा है चिंता की वजह
ऐसा इसलिए भी है क्योंकि कुछ समय पहले ही खुफिया जानकारी सामने आई थी कि जम्मू कश्मीर का अलकायदा कमांडर और खूंखार आतंकी जाकिर मूसा पंजाब के फिरोजपुर, भटिंठा और अमृतसर में देखा गया है। आशंका जताई जा रही है कि यह आतंकी प्रकाश पर्व समेत दिसंबर में होने वाले राजस्थान चुनाव को निशाना बना सकते हैं। पिछले दिनों ही सुरक्षा एजेंसियों को मिली गुप्त सूचना के अनुसार मूसा अपने साथियों के साथ फिरोजपुर से राजस्थान सीमा के निकट पहुंच चुका है। पुलिस के अनुसार पंजाब में पठानकोट जिले के माधोपुर के नजदीक ड्राइवर की हत्या कर एसयूवी कार छीनने वाले चार लोग भी अभी तक फरार है। सुरक्षा एजेंसियों को पूरा शक है कि यह वही चार आतंकी हैं जो अपने आतंकी मंसूबों को अंजाम देने की खातिर पंजाब में घुसे हैं। आपको बता दें कि मूसा को आखिरी बार मई में दक्षिण कश्मीर में देखा गया था।
ऐसा इसलिए भी है क्योंकि कुछ समय पहले ही खुफिया जानकारी सामने आई थी कि जम्मू कश्मीर का अलकायदा कमांडर और खूंखार आतंकी जाकिर मूसा पंजाब के फिरोजपुर, भटिंठा और अमृतसर में देखा गया है। आशंका जताई जा रही है कि यह आतंकी प्रकाश पर्व समेत दिसंबर में होने वाले राजस्थान चुनाव को निशाना बना सकते हैं। पिछले दिनों ही सुरक्षा एजेंसियों को मिली गुप्त सूचना के अनुसार मूसा अपने साथियों के साथ फिरोजपुर से राजस्थान सीमा के निकट पहुंच चुका है। पुलिस के अनुसार पंजाब में पठानकोट जिले के माधोपुर के नजदीक ड्राइवर की हत्या कर एसयूवी कार छीनने वाले चार लोग भी अभी तक फरार है। सुरक्षा एजेंसियों को पूरा शक है कि यह वही चार आतंकी हैं जो अपने आतंकी मंसूबों को अंजाम देने की खातिर पंजाब में घुसे हैं। आपको बता दें कि मूसा को आखिरी बार मई में दक्षिण कश्मीर में देखा गया था।
हाई अलर्ट पर पंजाब और अन्य राज्य
जहां तक प्रकाश पर्व की बात है इसको लेकर राज्य की पुलिस और प्रशासन पहले से ही हाई अलर्ट पर है। लेकिन अमृतसर में किया गया बम हमला अपने आप में भविष्य में होने वाली बड़ी घटना की तरफ इशारा कर रहा है। आपको यहां पर बता दें कि प्रकाश पर्व के अवसर पर अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में लाखों की तादाद में श्रद्धालु देश और दुनिया से पहुंचते हैं। इस दिन सिख धर्म के पहले गुरु नानक देव जी का जन्म दिन होता है। इसको ही प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है। 23 नवंबर को है प्रकाश पर्व
इस दिन गुरु नानक देव के जीवन और उनकी दी हुई शिक्षाओं को याद करने के लिए कई प्रकार की गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। इस बार गुरु नानक जयंती 23 नवंबर को है। गुरुनानक जयंती कार्तिक माह में मनाई जाती है। पंजाब के अलावा उत्तरी भारत के लगभग सभी राज्यों में इस पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है। गुरु नानक देव की जयंती पर सिक्ख धर्म सहित अन्य धर्म और समुदाय के लोग कई प्रकार की गतिविधियों का आयोजन करते हैं। इनमें से कुछ आयोजन ऐसे हैं, जिन्हें देशभर में बड़े-छोटे स्तर पर आयोजित किया जाता है। प्रकाश पर्व
गुरु नानक जयंती पर मुख्य सिख क्षेत्रों में केंद्रीय स्थानों पर लगातार पाठ किया जाता है। जिसे अखंड पाठ के रूप में जाना जाता है, यह कार्यक्रम 48 घंटे तक चलता है। इसके अलावा हजारों की तादाद में लोग एक दिन पहले निकलने वाले नगर कीर्तन में हिस्सा लेते हैं। यह एक जुलूस की तरह होता है। यह जुलूस पांच लोगों और एक सिख झंडे के साथ निकाला जाता है। बाकी लोग इनके पीछे जलते हुए भजन-कीर्तन करते रहते हैं। श्री गुरुग्रंथ साहिब को फूलों की पालकी से सजे वाहन पर सुशोभित करके कीर्तन विभिन्न जगहों से होता हुआ गुरुद्वारे पहुंचता है। प्रकाश उत्सव के उपलक्ष्य में प्रभातफेरी निकाली जाती है जिसमें भारी संख्या में संगतें भाग लेती हैं। प्रभातफेरी के दौरान कीर्तनी जत्थे कीर्तन कर संगत को निहाल करते हैं।बटुकेश्वर दत्त: एक महान स्वतंत्रता सैनानी जिन्हें समय रहते नहीं मिल पाया था सही इलाज
जहां तक प्रकाश पर्व की बात है इसको लेकर राज्य की पुलिस और प्रशासन पहले से ही हाई अलर्ट पर है। लेकिन अमृतसर में किया गया बम हमला अपने आप में भविष्य में होने वाली बड़ी घटना की तरफ इशारा कर रहा है। आपको यहां पर बता दें कि प्रकाश पर्व के अवसर पर अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में लाखों की तादाद में श्रद्धालु देश और दुनिया से पहुंचते हैं। इस दिन सिख धर्म के पहले गुरु नानक देव जी का जन्म दिन होता है। इसको ही प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है। 23 नवंबर को है प्रकाश पर्व
इस दिन गुरु नानक देव के जीवन और उनकी दी हुई शिक्षाओं को याद करने के लिए कई प्रकार की गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। इस बार गुरु नानक जयंती 23 नवंबर को है। गुरुनानक जयंती कार्तिक माह में मनाई जाती है। पंजाब के अलावा उत्तरी भारत के लगभग सभी राज्यों में इस पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है। गुरु नानक देव की जयंती पर सिक्ख धर्म सहित अन्य धर्म और समुदाय के लोग कई प्रकार की गतिविधियों का आयोजन करते हैं। इनमें से कुछ आयोजन ऐसे हैं, जिन्हें देशभर में बड़े-छोटे स्तर पर आयोजित किया जाता है। प्रकाश पर्व
गुरु नानक जयंती पर मुख्य सिख क्षेत्रों में केंद्रीय स्थानों पर लगातार पाठ किया जाता है। जिसे अखंड पाठ के रूप में जाना जाता है, यह कार्यक्रम 48 घंटे तक चलता है। इसके अलावा हजारों की तादाद में लोग एक दिन पहले निकलने वाले नगर कीर्तन में हिस्सा लेते हैं। यह एक जुलूस की तरह होता है। यह जुलूस पांच लोगों और एक सिख झंडे के साथ निकाला जाता है। बाकी लोग इनके पीछे जलते हुए भजन-कीर्तन करते रहते हैं। श्री गुरुग्रंथ साहिब को फूलों की पालकी से सजे वाहन पर सुशोभित करके कीर्तन विभिन्न जगहों से होता हुआ गुरुद्वारे पहुंचता है। प्रकाश उत्सव के उपलक्ष्य में प्रभातफेरी निकाली जाती है जिसमें भारी संख्या में संगतें भाग लेती हैं। प्रभातफेरी के दौरान कीर्तनी जत्थे कीर्तन कर संगत को निहाल करते हैं।बटुकेश्वर दत्त: एक महान स्वतंत्रता सैनानी जिन्हें समय रहते नहीं मिल पाया था सही इलाज