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Rahul Gandhi's Remark: चुनिंदा टिप्पणियों को हटाना तर्क से परे, हटाई गई टिप्पणियों को किया जाए बहाल; राहुल गांधी ने लोकसभा अध्यक्ष को लिखा पत्र

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा दिए गए बयान का लगातार विरोध हो रहा है। इस बीच राहुल गांधी द्वारा की गई टिप्पणी को सदन की कार्यवाही से भी हटा दिया गया है जिस पर राहुल गांधी ने चिंता जताई है। राहुल गांधी ने कहा कि टिप्पणी को चुनिंदा ढंग से हटाया जाना तर्क के खिलाफ है और मेरी टिप्पणियों को फिर से बहाल किया जाना चाहिए।

By Jagran News Edited By: Versha Singh Published: Tue, 02 Jul 2024 02:12 PM (IST)Updated: Tue, 02 Jul 2024 02:12 PM (IST)
राहुल गांधी ने ओम बिरला को पत्र लिख कर की ये मांग (फाइल फोटो)

पीटीआई, नई दिल्ली। बीते सोमवार (1 जुलाई) को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा दिए गए बयान के बाद अभी भी हंगामा जारी है। इस बीच राहुल गांधी ने मंगलवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा है। जिसमें सदन में उनके भाषण के कुछ अंशों को हटाए जाने पर चिंता जताई है। राहुल गांधी ने कहा कि टिप्पणी को चुनिंदा ढंग से हटाया जाना तर्क के खिलाफ है और मेरी टिप्पणियों को फिर से बहाल किया जाना चाहिए।

लोकसभा में विपक्ष के नेता के रूप में अपने पहले भाषण में राहुल गांधी ने भाजपा पर तीखा हमला किया था और सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं पर लोगों को सांप्रदायिक आधार पर बांटने का आरोप लगाया था।

सोमवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान उन्होंने जो कुछ टिप्पणियां कीं, उन्हें बाद में हटा दिया गया था।

राहुल गांधी ने किया टिप्पणियों को हटाने का विरोध

बिरला को लिखे पत्र में गांधी ने कहा कि हालांकि सभापति को सदन की कार्यवाही से कुछ टिप्पणियों को निकालने का अधिकार प्राप्त है, लेकिन इसमें केवल उन शब्दों को हटाने का प्रावधान है, जिनकी प्रकृति लोकसभा के प्रक्रिया एवं कार्य संचालन नियमों के नियम 380 में निर्दिष्ट की गई है।

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, हालांकि, मैं यह देखकर स्तब्ध हूं कि किस तरह मेरे भाषण के काफी हिस्से को कार्यवाही से निकाल दिया गया।

गांधी ने कहा, मैं यह कहने के लिए बाध्य हूं कि हटाए गए अंश नियम 380 के दायरे में नहीं आते हैं। मैं सदन में जो बताना चाहता था, वह जमीनी हकीकत और तथ्यात्मक स्थिति है। सदन का प्रत्येक सदस्य जो लोगों की सामूहिक आवाज का प्रतिनिधित्व करता है, उसे भारत के संविधान के अनुच्छेद 105(1) में निहित अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है।

लोगों की परेशानियों को सदन में उठाना हर सदस्य का अधिकार- राहुल गांधी

उन्होंने जोर देकर कहा कि सदन में लोगों की परेशानियों को उठाना हर सदस्य का अधिकार है। उन्होंने कहा, यह मेरा अधिकार है और देश के लोगों के प्रति अपने दायित्वों का पालन करते हुए मैं कल इसका पालन कर रहा था।

राहुल गांधी ने ओम बिरला को लिखे पत्र में कहा कि मेरे विचार से कही गई बातों को रिकार्ड से हटाना संसदीय लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।

गांधी ने कहा, इस संदर्भ में मैं अनुराग ठाकुर के भाषण की ओर भी ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं, जिनका भाषण आरोपों से भरा था, हालांकि, आश्चर्यजनक रूप से केवल एक शब्द हटाया गया है।

टिप्पणी का चुनिंदा निष्कासन तर्क के खिलाफ है- राहुल गांधी

उन्होंने कहा, आपके प्रति पूरे सम्मान के साथ, यह चुनिंदा निष्कासन तर्क को चुनौती देता है। मैं अनुरोध करता हूं कि कार्यवाही से हटाए गए टिप्पणियों को बहाल किया जाए।

संसद परिसर के बाहर संवाददाताओं से बातचीत में गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दुनिया में सत्य को मिटाया जा सकता है, लेकिन वास्तविकता में नहीं।

गांधी ने कहा, मुझे जो कुछ भी कहना था, मैंने कह दिया है और वह सत्य है। वे जितना चाहें उतना हटा सकते हैं, लेकिन सत्य की जीत होगी।

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