Bomb बनाते हुए गंवा दिया हाथ, बम धमाके में ही हुई सजा; अब्दुल करीम 'टुंडा' की कुंडली पढ़ लीजिए
1993 Serial Blast Case सीरियल बम ब्लास्ट मामले के मुख्य आरोपी अब्दुल करीम उर्फ टुंडा को आज बरी कर दिया गया। टुंडा को दाऊद का करीबी माना जाता है। टुंडा 1996 से 1998 के बीच हुए कई सीरियल ब्लास्ट का आरोपी भी है। अब्दुल करीम का पाकिस्तान से क्या कनेक्शन है और उसे टुंडा के नाम से क्यों जाना जाता है।आइए उसके बारे में सब कुछ जानें...
जागरण डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 1993 सीरियल बम ब्लास्ट मामले के मुख्य आरोपी अब्दुल करीम उर्फ टुंडा को आज बरी कर दिया गया है। अजमेर की टाडा कोर्ट ने टुंडा को (1993 serial blasts) बरी करने का फैसला सुनाया है, वहीं इरफान और हमीदुद्दीन को सजा सुनाई है।
टुंडा को दाऊद का करीबी माना जाता है। टुंडा (Abdul Karim Tunda) पर 1996 से 1998 के बीच हुए कई सीरियल ब्लास्ट का आरोपी है। अब्दुल करीम का पाकिस्तान से क्या कनेक्शन है और उसे टुंडा के नाम से क्यों जाना जाता है।आइए, उसके बारे में सब कुछ जानें...
दिल्ली में जन्मा है टुंडा
83 वर्षीय अब्दुल करीम उर्फ टुंडा दिल्ली के दरियागंज इलाके में पैदा हुआ है और गाजियाबाद के पिलखुवा में पला बढ़ा है। टुंडा 1980 तक अपनी होम्योपैथिक दवाइयों की दुकान चलाता था। हालांकि, इसके बाद वो राम मंदिर आंदोलन होने और विवादित ढांचा ढहने के बाद आतंकी संगठनों के संपर्क में आ गया और फिर पाकिस्तान चला गया।लश्कर-ए-तैयबा के संपर्क में आया टुंडा
टुंडा इसके बाद 1993 में लश्कर-ए-तैयब के संपर्क में आया और उसके मुखिया हाफिज सईद से भी पाकिस्तान जाकर मुलाकात की। टुंडा पर 1996 से 1998 के बीच दिल्ली, लुधियाणा, पानीपत, कानपुर और वाराणसी में हुए सीरियल ब्लास्ट करवाने के आरोप हैं।
2013 में सीबीआई ने किया गिरफ्तार
टुंडा को वर्ष 2013 में सीबीआई ने बम धमाकों को लेकर नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार किया। टुंडा पर बम धमाके करने के साथ-साथ युवाओं को आतंकी ट्रेनिंग देने का भी आरोप लगा है।