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तमिलनाडु सरकार को झटका: SC ने 24,000 क्यूसेक कावेरी का पानी छोड़ने वाली याचिका पर आदेश देने से इनकार किया

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (25 अगस्त) को तमिलनाडु सरकार की उस याचिका पर आदेश पारित करने से इनकार कर दिया। तमिलनाडु सरकार ने फसलों के लिए कर्नाटक द्वारा प्रतिदिन 24000 क्यूसेक कावेरी नदी से पानी छोड़ने की मांग की थी। जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ को ASG ऐश्वर्या भाटी ने कोर्ट को सूचित किया कि प्राधिकरण की एक बैठक सोमवार को निर्धारित है।

By Jagran NewsEdited By: Abhinav AtreyUpdated: Fri, 25 Aug 2023 03:19 PM (IST)
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कर्नाटक सरकार ने तमिलनाडु सरकार को गलत बताया (फाइल फोटो)

नई दिल्ली, एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (25 अगस्त) को तमिलनाडु सरकार की उस याचिका पर आदेश पारित करने से इनकार कर दिया। तमिलनाडु सरकार ने फसलों के लिए कर्नाटक द्वारा प्रतिदिन 24,000 क्यूसेक कावेरी नदी से पानी छोड़ने की मांग की थी।

जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ को एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कोर्ट को सूचित किया कि प्राधिकरण की एक बैठक सोमवार को निर्धारित है। इसके बाद कोर्ट ने कर्नाटक द्वारा छोड़े गए पानी की मात्रा पर कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (सीडब्ल्यूएमए) से रिपोर्ट मांगी।

जारी निर्देशों का पालन किया गया है या नहीं- कोर्ट

"हमारे पास इस मामले पर कोई विशेषज्ञता नहीं है। एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने बताया कि प्राधिकरण अगले पखवाड़े के लिए पानी के छोड़ने का निर्णय लेने के लिए सोमवार को बैठक कर रहा है।" पीठ में जस्टिस पीएस नरसिम्हा और पीके मिश्रा भी शामिल थे। पीठ ने कहा, "हम पाते हैं कि यह उचित होगा कि सीडब्ल्यूएमए इस पर अपनी रिपोर्ट सौंपे कि पानी के छोड़ने के लिए जारी निर्देशों का पालन किया गया है या नहीं।"

कर्नाटक सरकार ने तमिलनाडु को गलत बताया

कर्नाटक सरकार ने तमिलनाडु की उस याचिका को "पूरी तरह से गलत" बताया है जिसमें सुप्रीम कोर्ट से यह निर्देश देने की मांग की गई है कि उसे फसलों के लिए प्रतिदिन 24,000 क्यूसेक कावेरी का पानी छोड़ने के लिए कहा जाए। कर्नाटक सरकार ने शीर्ष कोर्ट में दायर एक हलफनामे में कहा है कि तमिलनाडु की याचिका गलत धारणा पर आधारित है कि "वर्तमान जल वर्ष एक सामान्य जल वर्ष है न कि संकटग्रस्त जल वर्ष।"