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Shahjahan Sheikh: बांग्लादेश से आया 'शाहजहां', बंगाल में की मजदूरी; पढ़ें ईंट भट्ठे पर काम करते-करते कैसे बना संदेशखाली का डॉन

Shahjahan Sheikh शाहजहां बांग्लादेश से बंगाल आया था और यहां आकर उसने अपना खौफ का सम्राज्य खड़ा कर दिया। उत्तर 24 परगना का संदेशखाली बांग्लादेश की सीमा से जुड़ा है इसी वजह से वो यहां आकर रहने लगा। शुरू में शाहजहां ने खेतों और ईंट-भट्ठों पर मजदूर की तरह काम किया। आइए जानें आखिर कैसे शाहजहां शेख ने अपना इतना बड़ा आतंक का अड्डा बनाया।

By Mahen Khanna Edited By: Mahen Khanna Updated: Thu, 29 Feb 2024 12:49 PM (IST)
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Shahjahan Sheikh TMC leader शाहजहां शेख कौन है।

जागरण डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Shahjahan Sheikh राशन घोटाला और संदेशखाली मामले का आरोपी टीएमसी नेता शाहजहां शेख कई दिनों तक गायब रहने के बाद आखिरकार बंगाल पुलिस की गिरफ्त में आ गया है। शाहजहां 55 दिनों से फरार चल रहा था और उसपर संदेशखाली में महिलाओं का यौन उत्पीड़न करने तक के आरोप लगे हैं। 

टीएमसी नेता Shahjahan Sheikh पर जमीन गबन तक के आरोप लगे हैं। शाहजहां बांग्लादेश से संदेशखाली आया था और यहां आकर मजदूरी करने लगा था। देखते ही देखते उसने अपार संपत्ति जुटा ली और Sandeshkhali  में खौफ का दूसरा नाम बन गया। आइए, जानें आखिर कैसे शाहजहां शेख ने अपना इतना बड़ा आतंक का अड्डा बनाया।

राशन घोटाले और संदेशखाली मामले से आया चर्चा में...

दरअसल, Shahjahan Sheikh पर पश्चिम बंगाल के राशन वितरण घोटाले में 10 हजार करोड़ का गबन करने का आरोप है। ईडी ने इसी मामले में सबसे पहले बंगाल के पूर्व मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक को गिरफ्तार किया था। इसके बाद जब ईडी की टीम शाहजहां शेख को पकड़ने संदेशखाली पहुंची तो उसी पर ही हमला हो गया। शाहजहां के समर्थकों ने ऐसा अटैक किया कि ईडी के कई अधिकारी बुरी तरह घायल हो गए।

ज्योतिप्रिय मल्लिक का माना जाता है खास

शाहजहां शेख को ज्योतिप्रिय मल्लिक का काफी खास माना जाता है। उसे अपने इलाके में 'भाई' भी कहा जाता है। राशन घोटाले में मल्लिक के पकड़े जाने के बाद शाहजहां ईडी के निशाने पर आ गया था।

बांग्लादेश से आकर की मजदूरी और बन गया डॉन

शाहजहां बांग्लादेश से बंगाल आया था और यहां आकर उसने अपने खौफ का सम्राज्य खड़ा कर दिया। उत्तर 24 परगना का संदेशखाली बांग्लादेश की सीमा से जुड़ा है, इसी वजह से वो यहां आकर रहने लगा। शुरू में शाहजहां ने खेतों और ईंट-भट्ठों पर मजदूर की तरह काम किया। ईंट-भट्ठों के मजदूरों के साथ काम करते करते उसने एक यूनियन बना ली और फिर इलाके में मेलजोल बनाकर उसने माकपा में एंट्री पा ली।

मामा ने करवाई राजनीति में एंट्री, ज्योतिप्रिय के सहारे TMC में आया

शाहजहां शेख बंगाल के पूर्व मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक का हाथ पकड़कर तृणमूल में आया था। शाहजहां का राजनीति में पदार्पण वाममोर्चा के शासनकाल में हुआ था। उसके मामा मोसलेम शेख उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली इलाके में माकपा के कद्दावर नेता व पंचायत प्रधान थे। मामा की शह पर शाहजहां ने मछली पालन केंद्र खोला था। उससे पहले वह संदेशखाली-सरबेरिया रूट पर चलने वाले ट्रेकर पर चढ़ने वाले यात्रियों के टिकट की जांच करता था। संदेशखाली के सभी मछली पालन केंद्रों पर मामा-भांजे का नियंत्रण था। 

बंगाल में सत्ता परिवर्तन की लहर चलने के साथ ही शाहजहां ने माकपा से दूरी बनानी शुरू कर दी थी। 2011 में तृणमूल कांग्रेस की सरकार बनने के बाद 2013 में वह भी ममता बनर्जी की पार्टी में शामिल हो गया। 

17 कारों के साथ है करोड़ों की संपत्ति का मालिक

राज्य चुनाव आयोग में दायर हलफनामे के अनुसार, शाहजहां के पास करोड़ों की संपत्ति है। इसमें 17 वाहन, 2.5 करोड़ रुपये के सोने के गहने और 14 एकड़ से अधिक जमीन शामिल है। इन सबकी कुल कीमत चार करोड़ रुपये है।

इसके अलावा, उसी हलफनामे में बताया गया है कि उसके पास बैंक में 1.92 करोड़ रुपये जमा हैं।