'बाबा के प्रति उनका सम्मान कभी कम नहीं हुआ', प्रणब मुखर्जी की बेटी ने PM Modi से मुलाकात के बाद ऐसा क्यों कहा?
शर्मिष्ठा ने कहा था कि प्रणब मुखर्जी ने एक बार राहुल गांधी को बहुत विनम्र तरीके से कहा था कि वह राजनीतिक रूप से अभी परिपक्व नहीं हुए हैं। उन्होंने बताया कि प्रणब मुखर्जी भारत के प्रधानमंत्री बनना चाहते थे लेकिन कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने अपने परिवार के हितों की रक्षा की और 2004 में मनमोहन सिंह के लिए पद संभालने का मार्ग प्रशस्त किया।
एएनआई, नई दिल्ली। दिवंगत राष्ट्रपति की बेटी और पूर्व कांग्रेस प्रवक्ता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने सोमवार को यहां कहा कि प्रधानमंत्री ने हर कदम पर प्रणब मुखर्जी का पूरा सम्मान किया है और वह कभी कम नहीं हुआ है।"
शर्मिष्ठा ने पीएम मोदी से मुलाकात करने और उन्हें अपनी किताब 'In Pranab, My Father: A Daughter Remembers' की एक प्रति भेंट करने के बाद यह बात कही।
सोशल मीडिया पर शेयर की तस्वीर
शर्मिष्ठा ने एक फोटो शेयर की है, जिसमें वह पीएम के साथ बातचीत करती नजर आ रही हैं। शर्मिष्ठा ने अपनी किताब में पूर्व राष्ट्रपति के साथ कई घटनाओं और अपनी यादों का जिक्र किया है।
Called on Hon’ble PM Shri @narendramodi ji to present him a copy of my book ‘Pranab My Father: A Daughter Remembers’. He was as kind to me as he always had been & his regards for Baba remains undiminished. Thank you Sir🙏 pic.twitter.com/WdV3SBW5w0
सोशल मीडिया पर तस्वीर शेयर करते हुए शर्मिष्ठा ने लिखा, "आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मैंने अपनी किताब भेंट की और इस दौरान वह मेरे साथ काफी विनम्र रहैं, जैसा कि वह हमेशा ही रहते हैं। धन्यवाद सर।"
राहुल गांधी का किया है जिक्र
गांधी परिवार पर पूर्व राष्ट्रपति के विचारों और राहुल गांधी के नेतृत्व कौशल के बारे में उनके संदेह का खुलासा करते हुए उन्होंने दावा किया कि उन्हें राहुल गांधी एक ऐसे राजनेता के तौर पर दिखाई देते हैं, जो अभी परिपक्व नहीं हुए हैं।
इससे पहले समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में शर्मिष्ठा ने कहा था कि प्रणब मुखर्जी ने एक बार राहुल गांधी को बहुत विनम्र तरीके से कहा था कि वह राजनीतिक रूप से अभी परिपक्व नहीं हुए हैं। उनके मुताबिक, पूर्व राष्ट्रपति ने राहुल गांधी की 'एएम' और 'पीएम' के बीच अंतर बताने की क्षमता पर सवाल उठाया था।
प्रणब मुखर्जी और राहुल गांधी की मुलाकात का किया जिक्र
शर्मिष्ठा ने बातचीत में समाचार एजेंसी एएनआई से बताया, "एक सुबह, प्रणब मुखर्जी से मिलने के लिए राहुल गांधी सुबह की सैर के दौरान अमृत उद्यान (पहले मुगल गार्डन) पहुंचे। प्रणब मुखर्जी को सुबह की सैर और पूजा के दौरान कोई भी रुकावट पसंद नहीं थी। फिर भी, उन्होंने राहुल गांधी से मिलने का फैसला किया। दरअसल, राहुल गांधी और प्रणब मुखर्जी का शाम को मिलने का कार्यक्रम था, लेकिन राहुल के कार्यालय ने गलती से उन्हें सूचित कर दिया कि बैठक सुबह थी। मुझे एडीसी में से एक से इस घटना के बारे में पता चला। जब मैंने अपने पिता से पूछा, तो उन्होंने व्यंग्यात्मक टिप्पणी की कि अगर राहुल का कार्यालय 'ए.एम.' और 'पी.एम.' के बीच अंतर नहीं कर सकता, तो वे एक दिन पीएमओ चलाने की उम्मीद कैसे कर सकते हैं?"
प्रणब मुखर्जी की डायरी का किया जिक्र
पुस्तक में प्रणब मुखर्जी की डायरी प्रविष्टियों में से एक का उल्लेख किया गया है, जिसमें उन्होंने बताया है कि कैसे उन्होंने वायनाड सांसद को शासन में कुछ प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त करने के लिए मंत्रिमंडल में शामिल होने की सलाह दी थी।
उन्होंने कहा, "प्रणब मुखर्जी ने राहुल गांधी के बारे में बहुत कुछ नहीं लिखा है। 25 मार्च, 2013 का जिक्र करते हुए प्रणब मुखर्जी ने अपनी डायरी में लिखा है, "राहुल गांधी बहुत विनम्र हैं और विविध विषयों में रुचि रखते हैं, लेकिन वह एक के बाद एक सवाल पूछते जा रहे थे, मुझे नहीं पता कि उन्होंने कितना सुना और कितना आत्मसात किया है। राहुल गांधी अभी भी राजनीतिक रूप से परिपक्व नहीं हुए हैं।"
पीएम बनना चाहते थे प्रणब मुखर्जी
लेखक ने आगे एक घटना का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने राहुल गांधी की कांग्रेस का नेतृत्व करने और पीएम पद संभालने की क्षमता पर सवाल उठाया था। उन्होंने अपने पिता के साथ कई यादें भी साझा कीं और पूर्व राष्ट्रपति की पीएम बनने में रुचि का खुलासा किया।
उन्होंने कहा कि प्रणब मुखर्जी भारत के प्रधानमंत्री बनना चाहते थे, लेकिन कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने अपने परिवार के हितों की रक्षा की और 2004 में मनमोहन सिंह के लिए पद संभालने का मार्ग प्रशस्त किया।
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शर्मिष्ठा ने कहा, "हां, वह पीएम बनना चाहते थे, लेकिन वह जानते थे कि वह नहीं बन सकते, इसलिए वह इस भ्रम में नहीं थे कि वह एक दिन पीएम बनेंग। मैंने उनसे एक बार पूछा था कि क्या वह पीएम बनना चाहते हैं और उन्होंने कहा कि हां, कोई भी गंभीर राजनेता बनना चाहेगा, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मैं प्रधानमंत्री बन जाऊंगा।" शर्मिष्ठा ने आगे कहा कि कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने मान लिया था कि प्रणब मुखर्जी उनकी सत्ता को चुनौती दे सकते थे।
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