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Sheena Bora Murder Case: शीना बोरा हत्याकांड की जांच में बड़ी लापरवाही, बरामद कंकाल गायब; वकील ने CBI को लेकर कही ये बात

शीना बोरा हत्याकांड में एक नया मोड़ सामने आया है। 2012 में रायगढ़ के पेन गांव के जंगल से जब्त की गई जिन हड्डियों को सीबीआई ने शीना बोरा के अवशेष बताया था वो अब लापता हैं। अभियोजन पक्ष ने इस बात की जानकारी अदालत को दी। अभियोजन पक्ष ने कोर्ट को बताया कि सीबीआई ने जिन हड्डियों को शीना बोरा के अवशेष बताया था वो अब लापता हैं।

By Jagran News Edited By: Siddharth Chaurasiya Updated: Sat, 15 Jun 2024 09:10 PM (IST)
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इंद्राणी के वकील ने कहा कि वह इस घटनाक्रम से मिलने वाले जो भी कानूनी लाभ होंगे, उसका लाभ उठाएंगे।
ऑनलाइन डेस्क, नई दिल्ली। शीना बोरा हत्याकांड में एक नया मोड़ सामने आया है। 2012 में रायगढ़ के पेन गांव के जंगल से जब्त की गई जिन हड्डियों को सीबीआई ने शीना बोरा के अवशेष बताया था, वो अब लापता हैं। अभियोजन पक्ष ने इस बात की जानकारी अदालत को दी। अभियोजन पक्ष ने कोर्ट को बताया कि सीबीआई ने जिन हड्डियों को शीना बोरा के अवशेष बताया था, वो अब लापता हैं।

इंद्राणी मुखर्जी के वकील रंजीत सांगले ने शनिवार को कहा कि वह इस घटनाक्रम से मिलने वाले जो भी कानूनी लाभ होंगे, उसका लाभ उठाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने इस घटना को केंद्रीय एजेंसी द्वारा की गई 'बड़ी भूल' बताया।" उन्होंने कहा, "जांच के दृष्टिकोण से मुझे लगता है कि यह एक बड़ी भूल है जो एजेंसी ने की है।"

सांगले ने कहा, "अभियोजन पक्ष के दृष्टिकोण से मुझे लगता है कि इससे अभियोजन पक्ष के मामले में चांद के गड्ढे जितना बड़ा छेद हो गया है। इससे हमें जो भी कानूनी लाभ मिलेगा, हम उसका लाभ उठाएंगे... सीबीआई केंद्र सरकार की एक अत्यंत सतर्क, जिम्मेदार और प्रमुख स्वतंत्र जांच एजेंसी है।" इसके साथ ही, सांगले ने आशंका व्यक्त की, कि 'सीबीआई के साथ धोखाधड़ी की गई', उन्होंने कहा कि जांच एजेंसी ने खुद कभी लेख नहीं देखे।

उन्होंने कहा, "वे इस तरह की गलतियां नहीं करते। मेरी आशंका यह है कि कहीं यह सीबीआई के साथ धोखाधड़ी तो नहीं है, क्योंकि रिकॉर्ड से ऐसा लगता है कि सीबीआई के किसी भी अधिकारी ने कभी इन लेखों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से नहीं देखा था।"

यह खुलासा गुरुवार को मुंबई के बायकुला स्थित सरकारी जेजे अस्पताल के एक फोरेंसिक विशेषज्ञ की गवाही के दौरान हुआ। अदालत वर्तमान में फोरेंसिक विशेषज्ञ की गवाही दर्ज कर रही है, जिसने 2012 में पेन पुलिस द्वारा उस स्थान से बरामद हड्डियों की पहली बार जांच की थी, जहां कथित तौर पर शीना बोरा के जले हुए शरीर को दफनाया गया था। शीना बोरा की मां इंद्राणी मुखर्जी इस हत्याकांड की मुख्य आरोपी हैं।

पुलिस के अनुसार, 24 वर्षीय शीना बोरा की हत्या अप्रैल 2012 में हुई थी, हालांकि अपराध 2015 में ही प्रकाश में आया। गुरुवार को विशेष लोक अभियोजक सीजे नंदोडे ने अदालत को बताया कि गवाह (फोरेंसिक विशेषज्ञ) द्वारा संदर्भित वस्तुएं (पीड़िता की हड्डियां और अवशेष) गहन खोज के बावजूद भी नहीं मिल रही हैं। सीबीआई अदालत ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 27 जून की तारीख निर्धारित की।