Shinzo Abe Demise: भारत और जापान रिश्तों में नए युग के प्रणेता थे शिंजो आबे, क्वाड के गठन में निभाई थी अहम भूमिका
Shinzo Abe Killing भारत और जापान के रिश्तों में नए युग की शुरुआत करने वाले जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे (Shinzo Abe) उन गिने-चुने वैश्विक नेताओं में थे जो आम भारतीयों के बीच भी बेहद लोकप्रिय थे।
By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Fri, 08 Jul 2022 11:01 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत और जापान के रिश्तों में नए युग की शुरुआत करने वाले जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे उन गिने-चुने वैश्विक नेताओं में थे, जो आम भारतीयों के बीच भी बेहद लोकप्रिय थे। वे भारत का दौरा सिर्फ दो देशों की सरकारों के बीच वार्ता को अंजाम देने के लिए नहीं करते थे। इस दौरान वे अहमदाबाद की सड़कों पर खुली कार में आम लोगों के बीच भी जाते थे। वाराणसी में गंगा आरती के दौरान दोनों हाथ जोड़-आंख बंद कर भारत के साथ अपने विशेष लगाव को भी प्रदर्शित करते थे।
क्वाड के गठन में निभाई अहम भूमिका
उन्होंने हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते आक्रामक रवैये को समय रहते पहचान कर क्वाड (अमेरिका, जापान, आस्ट्रेलिया व भारत का गठबंधन) के गठन में अहम भूमिका भी निभाई। हर मंच पर यह भी बताया कि हिंद प्रशांत क्षेत्र में शक्ति संतुलन करना भारत के बगैर संभव नहीं होगा।
भारत ने दिया था दूसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान
भारत एवं जापान के रणनीतिक संबंधों की जरूरत को सबसे पहले उन्होंने पहचाना और जब तक प्रधानमंत्री पद पर रहे, तब तक इसे पुख्ता बनाने का इंतजाम करते रहे। कोई आश्चर्य नहीं कि कुछ महीने पहले ही भारत सरकार ने उन्हें देश का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान पद्म विभूषण देने की घोषणा की थी।दूरदृष्टि वाले राजनेता
भारत सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि भारत की सरकार और यहां की जनता को जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की अचानक हुई मौत से गहरा दुख हुआ है। हम जापान की जनता व आबे के परिवार के सदस्यों के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट करते हैं। वे एक दूरदृष्टि वाले राजनेता थे, जो हमेशा मानवता के कल्याण के लिए कार्य करते रहे।
हिंद प्रशांत क्षेत्र को मुक्त रखने पर जोर
अगस्त 2007 में शिंजो आबे ने भारतीय संसद में दो समुद्रों के संगम संबंधी अपना प्रसिद्ध भाषण दिया था। इसमें भारत और जापान के द्विपक्षीय रिश्ते को किसी भी दो देशों के बीच सबसे ज्यादा संभावना वाले संबंधों के तौर पर पेश किया था। हिंद प्रशांत क्षेत्र को एक मुक्त, खुला और सभी के लिए समान अवसर वाला बनाने को लेकर भारत व जापान को एक साथ लाने में उनकी भूमिका अग्रणी रही है।भारत के साथ रिश्तों को दिया नया आयाम
शिंजो आबे ने भारत के साथ जापान के रिश्ते को विशेष रणनीतिक व वैश्विक साझेदार बनाने में भी प्रमुख योगदान दिया। एक अहम दोस्त के खोने का दुख आज पूरे भारत में महसूस किया जा रहा है। पूरा देश शोकग्रस्त है और जापान के अपने भाइयों व बहनों के साथ इस दुख की घड़ी में शामिल है।