शिवराज के नेतृत्व में होगा कृषि की कहानी का विस्तार, मध्य प्रदेश की ही तरह उत्पादकता में नवाचार व संरक्षण की अपेक्षा
नरेन्द्र मोदी की लगातार तीसरी सरकार में शिवराज सिंह चौहान को कृषि एवं ग्रामीण विकास की जिम्मेदारी दी गई है। मध्य प्रदेश के कृषि क्षेत्र में जितना विकास शिवराज सरकार में हुआ है उतना किसी अन्य सरकार में नहीं। अब देशभर के किसानों को शिवराज से मध्य प्रदेश की तरह ही कृषि क्षेत्र के विस्तार उत्पादकता में नवाचार एवं संरक्षण की अपेक्षा होगी।
अरविंद शर्मा, नई दिल्ली। नरेन्द्र मोदी की लगातार तीसरी सरकार में शिवराज सिंह चौहान को कृषि एवं ग्रामीण विकास की जिम्मेदारी दी गई है। इन दोनों क्षेत्रों का अपने नए मंत्री से अन्योनाश्रय संबंध है। ऐसा इसलिए कि मध्य प्रदेश के कृषि क्षेत्र में जितना विकास शिवराज सरकार में हुआ है, उतना किसी अन्य सरकार में नहीं। अब देशभर के किसानों को शिवराज से मध्य प्रदेश की तरह ही कृषि क्षेत्र के विस्तार, उत्पादकता में नवाचार एवं संरक्षण की अपेक्षा होगी।
शिवराज के सामने होगी बड़ी चुनौती
शिवराज के सामने भी कृषि में विविधता लाकर किसानों की स्थिति में सुधार के लिए मध्य प्रदेश मॉडल को लागू करने की बड़ी चुनौती होगी। मध्य प्रदेश की राजनीति में रहते हुए उन्होंने बड़ा चमत्कार एमएसपी पर गेहूं खरीद में किया है। कांग्रेस सरकार में मध्य प्रदेश में गेहूं की अधिकतम खरीद 50 हजार टन से शायद ही ज्यादा हो पाती थी, किंतु चालू वित्त वर्ष में यह बढ़कर लगभग 48 लाख टन हो गई है। यह पंजाब एवं हरियाणा के बाद किसी अन्य प्रदेश की तुलना में सबसे ज्यादा खरीद है।
मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान ने किए कई बदलाव
शिवराज के कार्यकाल में किसानों को कई बार गेहूं खरीद पर एमएसपी के अतिरिक्त बोनस भी दिए गए, जिससे खेती में मुनाफा बढ़ा, राज्य की आय बढ़ी और किसानों के जीवन स्तर में सुधार हुआ। रिपोर्ट बताती है कि शिवराज के कार्यकाल में गेहूं समेत कई कृषि उपज में भारी वृद्धि हुई। सिंचाई का विस्तार हुआ। कृषि क्षेत्र में निवेश आने लगा, जिससे औद्योगिक दो दशकों में गेहूं के उत्पादन में मध्य प्रदेश ने पंजाब को भी पीछे छोड़ दिया।MP में किसानों को मिल रहे कई लाभ
अन्य राज्यों की तरह मध्य प्रदेश के किसानों को भी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत सालाना छह हजार रुपये दिए जा रहे हैं, लेकिन शिवराज सरकार ने इसमें अपनी तरफ से छह हजार रुपये बढ़ा दिए। अब मध्य प्रदेश के किसानों को सालाना 12 हजार रुपये दिए जा रहे हैं। कृषि ऋण पर किसानों को ब्याज नहीं देना पड़ता है।
उत्पादकता में दर्ज की गई तेज वृद्धि
शिवराज सरकार की दूरदर्शिता का ही परिणाम है कि वर्ष 2013-14 से अगले एक दशक के दौरान मध्य प्रदेश में कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र की वार्षिक वृद्धि 6.1 प्रतिशत पर पहुंच गई है, जबकि इस दौरान राष्ट्रीय औसत वृद्धि मात्र 3.9 प्रतिशत है। यह प्रगति कई क्षेत्रों में व्यापक सुधार के चलते हुई। आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2004-05 और 2021-22 के बीच मध्य प्रदेश की कुल कृषि भूमि 149.75 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 158.23 लाख हेक्टेयर हुआ है, जो मात्र 5.7 प्रतिशत है। किंतु इस दौरान उत्पादकता में तेज वृद्धि देखी गई।शिवराज सरकार की अन्य बड़ी उपलब्धि सिंचाई क्षेत्र का विस्तार है। बड़ी संख्या में किसानों को ट्यूबवेल एवं बिजली कनेक्शन दिए गए। वर्ष 2010-11 में मात्र 13 लाख किसानों के पास कनेक्शन थे, जो अगले दस वर्षों में बढ़कर 32.5 लाख हो गए। नहरों का जाल बिछाया, जिससे सिंचित क्षेत्र का रकबा करीब दोगुना हो गया है।यह भी पढ़ेंःगांवों और शहरों में बनेंगे तीन करोड़ नए घर, PM Modi की अध्यक्षता में तीसरे कार्यकाल की पहली कैबिनेट बैठक में लिया फैसला