NEP पर सिद्दरमैया बोले, "कर्नाटक को राष्ट्रीय शिक्षा नीति मंजूर नहीं, राज्य की नीति लागू करेगा"
Karnataka News कर्नाटक को राष्ट्रीय शिक्षा नीति मंजूर नहीं है। मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने सोमवार को घोषणा की कि कर्नाटक राज्य शिक्षा नीति लागू करेगा। नई नीति बनाने के लिए समिति बनाई जाएगी। सिद्दरमैया ने कहा कि शिक्षा राज्य का विषय है इसलिए केंद्र सरकार शिक्षा नीति नहीं बना सकती। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षण संस्थानों के पास राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा नहीं है।
बेंगलुरु, एजेंसी। कर्नाटक को राष्ट्रीय शिक्षा नीति मंजूर नहीं है। मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने सोमवार को घोषणा की कि कर्नाटक राज्य शिक्षा नीति लागू करेगा। नई नीति बनाने के लिए समिति बनाई जाएगी। सिद्दरमैया ने कहा कि शिक्षा राज्य का विषय है, इसलिए केंद्र सरकार शिक्षा नीति नहीं बना सकती।
आरोप लगाया कि केंद्र ने राज्य सरकारों को विश्वास में लिए बिना राष्ट्रीय शिक्षा नीति तैयार की है। इसे राज्यों पर थोपा जा रहा है। भारत जैसे बहुसांस्कृतिक और बहुलवादी समाज वाले देश में एक समान शिक्षा प्रणाली स्थापित नहीं की जा सकती।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षण संस्थानों के पास राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा नहीं है। इससे अनावश्यक भ्रम पैदा हो गया है।
सरकार नई शिक्षा नीति पर करेगी काम
इससे पहले सोमवार को बेंगलुरु में विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ बैठक के बाद कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा था कि राज्य सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 को खत्म करते हुए नई शिक्षा नीति बनाएगी।
राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री एमसी सुधाकर ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट किया, शिक्षा नीति के संबंध में छात्रों के बीच भ्रम को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री सिद्दरमैया, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के नेतृत्व में हुई बैठक में राज्य शिक्षा नीति को लागू करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया।
गौरतलब है कि देश में स्कूल से डाक्टरेट स्तर तक शिक्षा क्षेत्र में आदर्श बदलाव के लिए जुलाई 2020 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति की शुरुआत की गई थी।
राजनीति के लिए न हो शिक्षा प्रणाली का इस्तेमाल
कर्नाटक के मंगलुरु दक्षिण से विधायक व भाजपा नेता वेदव्यास कामथ ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति रद करने के कर्नाटक सरकार के निर्णय की आलोचना की। कामथ ने कहा कि शिक्षा प्रणाली प्रगति की प्रतीक होनी चाहिए और इसका इस्तेमाल राजनीति के लिए नहीं किया जाना चाहिए। कहा कि यह निर्णय छात्रों के हित में नहीं है।