कर्नाटक की झांकी को शामिल नहीं करने पर सिद्दरमैया का केंद्र पर निशाना, बोले- यह सात करोड़ कन्नडिगाओं का अपमान
सिद्दरमैया ने इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री को पिछले साल भी इसी तरह की स्थिति का सामना करना पड़ा था। तब भी राज्य की झांकी को शुरू में परेड में शामिल करने से मना कर दिया गया था लेकिन बाद में कर्नाटक चुनावों को ध्यान में रखते हुए अनुमति दी गई थी। इस बार भी केंद्र ने करोड़ों कन्नडिगाओं का अपमान करना जारी रखा है।
पीटीआई, बेंगलुरु। गणतंत्र दिवस परेड में कर्नाटक की झांकी को शामिल न करने के मुद्दे पर राज्य के मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने मंगलवार को केंद्र पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार है इसलिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने गणतंत्र दिवस परेड में राज्य की झांकी को शामिल करने से इनकार कर दिया।
सिद्दरमैया ने कहा कि राज्य की झांकियों के प्रस्तावों में मैसूरु के शासक नलवाडी कृष्णराज वोडेयार, कित्तूर रानी चेन्नम्मा के जीवन को प्रदर्शित करना शामिल था। उन्होंने झांसी की रानी लक्ष्मी बाई और बेंगलुरु के संस्थापक नादप्रभु केंपेगौड़ा की तरह अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी।
सिद्दरमैया ने इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री को पिछले साल भी इसी तरह की स्थिति का सामना करना पड़ा था। तब भी राज्य की झांकी को शुरू में परेड में शामिल करने से मना कर दिया गया था, लेकिन बाद में कर्नाटक चुनावों को ध्यान में रखते हुए अनुमति दी गई थी।
उन्होंने आरोप लगाया कि इस बार भी केंद्र सरकार ने सात करोड़ कन्नडिगाओं का अपमान करने की अपनी प्रवृत्ति जारी रखी है। कर्नाटक से कई झांकी प्रस्ताव भेजे गए थे, लेकिन केंद्र सरकार ने इन सभी प्रस्तावों को खारिज कर दिया है।
सिद्दरमैया ने आरोप लगाया कि केंद्रीय समिति ने हमारे अनुरोध को खारिज कर दिया, जिससे हम देश को अपने राज्य की अपार उपलब्धियों और अनुकरणीय शख्सियतों से परिचित कराने के अवसर से वंचित हो गए।