Sikkim: 10 साल बाद फिर विपक्ष विहीन हुई सिक्किम विधानसभा, सत्तारूढ़ एसकीएम में शामिल हुए एकमात्र विपक्षी विधायक
Sikkim सिक्किम विधानसभा में अब एक भी विपक्ष का विधायक नहीं बता। इस तरह 10 साल बाद फिर से राज्य की विधानसभा विपक्ष विहीन हो गई है। विपक्षी पार्टी सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट के एकमात्र विधायक तेंजिंग नर्बू लाम्था फिर से सत्तारूढ़ सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा में शामिल हो गए हैं। उन्होंने पूर्व मंत्री कुंगा नीमा लेप्चा को 1314 वोटों से हराया था।
जागरण संवाददाता, गंगटोक। सिक्किम विधानसभा 10 साल बाद फिर विपक्ष विहीन हो गया। एक मात्र विपक्षी विधायक तेंजिंग नर्बू लाम्था पुन: सत्तारूढ़ सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) में शामिल हो गए। उन्होंने सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) के चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ा था।
गंगटोक जिला के अपर बुर्तुक में आयोजित विजय उत्सव कार्यक्रम में उन्होंने आधिकारिक रूप में एसकेएम का झंडा थामा। इससे पहले उन्होंने मुख्यमंत्री और एसकेएम अध्यक्ष प्रेम सिंह तामांग से मुलाकात की थी। गंगटोक जिला के स्यारी विधानसभा से विजयी बने लाम्था ने एसकेएम के उम्मीदवार पूर्व मंत्री कुंगा नीमा लेप्चा को 1,314 वोटों से हराया था।
विपक्ष शून्य हुई विधानसभा
विधानसभा चुनाव में एसकेएम ने 32 में से 31 सीटों पर जीत हासिल की थी। अब एसडीएफ के एक विधायक के एसकेएम में जाने के बाद सिक्किम विधानसभा विपक्ष शून्य हो गया है। इसके पहले वर्ष 2009 के आम चुनाव में एसडीएफ ने विधानसभा के 32 और एक लोकसभा सीट पर जीत हासिल की थी। उस समय भी विधानसभा में कोई विपक्षी विधायक नहीं था।
कई बार दल बदल चुके हैं लाम्था
विधायक लाम्था की दलबदल प्रक्रिया वर्ष 2019 से जारी है। वर्ष 2019 में हुए आम चुनाव से पहले वह पूर्व मुख्यमंत्री पवन चामलिंग के नेतृत्व वाले एसडीएफ से टिकट के दावेदार थे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला। इसी कारण वह चुनाव से कुछ माह पहले एसकेएम में शामिल हो गए, फलस्वरूप उन्हें एसकेएम सरकार में सूचना प्रौद्योगिकी विभाग का सलाहकार बनाया गया।
उन्हें विश्वास था कि वर्ष 2024 के आम चुनाव में स्यारी विधानसभा क्षेत्र से एसकेएम टिकट देगा, मगर ऐसा न हुआ और एसकेएम ने उनके संसदीय समिति के सदस्य व पूर्व मंत्री कुंगा नीमा लेप्चा को टिकट दे दिया। टिकट न मिलने से नाराज लाम्था मार्च 2024 को एसडीएफ अध्यक्ष चामलिंग से मुलाकात कर उनकी पार्टी में शामिल हो गए और विस चुनाव में टिकट भी प्राप्त कर लिया। अब उन्होंने फिर से एसकेएम पार्टी का झंडा थामा।